पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दो ‘स्मार्ट फेंसिंग’ परियोजनाओं को लॉन्च करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उम्मीद जताई कि इस्लामाबाद में नई सरकार भारत के प्रति रवैये में बदलाव लाएगी। सिंह से पूछा गया कि क्या वह इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद वहां के रवैये में कोई बदलाव की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान की प्रकृति में कोई बदलाव आएगा। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि बदलाव आए। मैं उम्मीद करता हूं कि यह बदलाव पहले से बेहतर हो। वह कंपरेहेंसिव इंटीग्रेटेड बार्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआईबीएमएस) के अंतर्गत सीमा पर बाड़ लगाने की दो ‘स्मार्ट’ परियोजनाओं को लांच करने के बाद पलौरा में बीएसएफ मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंध बनाए रखने के लिए अधिकतम प्रयास किए हैं। गृहमंत्री ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल संबंध बेहतर करने के लिए ही प्रोटोकॉल तोड़कर पाकिस्तान गए थे। अगर पाकिस्तान उस प्रयास के बाद भी समझने की कोशिश नहीं कर रहा है तो क्या किया जा सकता है।
चुनाव में शामिल होने की अपील
सिंह ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे जम्मू-कश्मीर में आगामी पंचायत एवं शहरी निकाय संस्था के चुनाव में हिस्सा लें। सिंह की यह अपील राज्य की दो प्रमुख क्षेत्रीय पाटियों नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के इन चुनावों में हिस्सा नहीं लेने की घोषणा के बाद आई है। दोनों दलों ने घोषणा की कि वे चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि केन्द्र ने संविधान के ‘अनुच्छेद 35ए’ पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने कहा, मैं इन पार्टियों से इन चुनावों में शामिल होने की अपील करता हूं क्योंकि लोगों से सीधे संपर्क स्थापित करने का केवल यही तरीका है।
सीपीएम ने भी बहिष्कार किया
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने भी जम्मू-कश्मीर के पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव का बहिष्कार करने का सोमवार को ऐलान किया। मुख्यधारा की पार्टियों की ओर से विरोध के बावजूद चुनाव कराने के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए सीपीएम के राज्य सचिव गुलाम नबी मलिक ने कहा, मुख्यधारा की पार्टियों की ओर से चुनाव में हिस्सा नहीं लेने के फैसले के बावजूद पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का निर्णय भाजपा नीत केंद्र सरकार का घमंड दिखाता है। एनसी और पीडीपी के बाद सीपीएम तीसरी ऐसी पार्टी है जिसने चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया है। ये चुनाव अगले महीने होना है।
दो स्मार्ट फेंसिंग प्रणाली
इससे पहले सिंह ने यहां भारत-पाक सीमा के निकट बाड़ लगाने की दो आधुनिक प्रायोगिक परियोजनाओं (स्मार्ट फेंसिंग) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, सीमा सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। मैं आज सीआईबीएमएस (व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली) के तहत दो प्रायोगिक परियोजनाओं का उद्घाटन कर खुश हूं। उन्होंने कहा, हमने पहले ही सभी सीमाओं पर कुछ संवेदनशील क्षेत्रों और खाली स्थानों की पहचान कर ली है।
उच्च प्रौद्योगिकी वाली पहली प्रणाली
दोनों सीआईबीएमएस परियोजना जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 5- 5 किलोमीटर के विस्तार को कवर करती है। यह अपने तरह की पहली उच्च प्रौद्योगिकी वाली निगरानी प्रणाली है। सिंह ने कहा कि इसके समुचित कार्यप्रणाली की निगरानी करने के बाद नई बाड़ों को 2,026 किलोमीटर के अतिसंवेदनशील सीमा क्षेत्र में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘शुरू में सीआईबीएमएस परियोजना सीमा पर भौतिक बाड़ में खाली स्थान को भरने के लिए लागू होगी। इसके बाद इस तकनीकी समाधान को समूची सीमा पर लागू किया जाएगा।’
इजरायल में देखा, यहां लागू किया
उन्होंने कहा, जब मैंने इजरायल की यात्रा की तो वहां यह प्रणाली देखी और उसके बाद तत्काल हमने इस प्रणाली पर काम करना शुरू किया। जानकारी के आधार पर प्रणाली फूलप्रूफ है। मैंने यहां ऐसी दो परियोजनाओं को लांच किया है। हम असम में ऐसे ही 60 किलोमीटर की पायलट परियोजना को लांच करेंगे।
सीमा बुनियादी ढांचा पर काम
सिंह ने कहा कि सरकार सीमा बुनियादी ढांचा को उन्नत करने की दिशा में कार्य कर रही है और सीमाई इलाकों में 600 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है तथा सैकड़ों सीमा चौकियों का निर्माण किया गया है।
स्मार्ट फेंसिंग की कार्यप्रणाली
भारत-पाक सीमा पर लगने वाले हाईटेक सर्विलांस सिस्टम की मदद से जमीन, पानी और हवा में एक अदृश्य इलेक्ट्रानिक बैरियर तैयार किया जा सकता है। भारत में इसकी मदद से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को घुसपैठियों को पहचानने और इसको रोकने में मदद मिलेगी। स्मार्ट फेंस में सतर्कता, निगरानी, संचार और डाटा स्टोरेज के लिए कई उपकरण लगे होते हैं। इसमें थर्मल इमेजर, अंडरग्राउंड सेंसर, फाइबर ऑप्टिकल सेंसर, रडार और सोनार जैसे बेहद खास और हाईटेक उपकरण स्मार्ट फेंस में विभिन्न स्थानों पर लगाए जाते हैं। लेजर फेंस में अन्य उपकरण जोड़कर एक अदृश्य इलेक्ट्रानिक दीवार बनाई जाती है।
अत्याधुनिक बाड़
इस अत्याधुनिक बाड़ के सीसीटीवी चित्र तत्काल बीएसएफ चौकी में पहुंचेंगे। सुरंग, रडार और सोनार सिस्टम से सीमा पर नदी के किनारों को सुरक्षित किया जा सकेगा। कमांड और कंट्रोल सिस्टम सभी सर्विलांस उपकरणों से डाटा को रियल टाइम में रिसीव करेंगे। इंफ्रा-रेड और लेजर बेस्ड इंट्रूजन डिटेक्टर्स जमीन और नदी के आसपास के क्षेत्रों में एक अदृश्य दीवार का काम करेंगे जबकि सोनार सिस्टम नदी के रास्ते घुसपैठ की कोशिशों को पकड़ लेगा। ऐरोस्टेट तकनीक आसमान में किसी भी हरकत पर नजर रखेगी। सुरंग के रास्ते घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए भूमिगत सेंसर लगातार निगरानी करेंगे।
स्मार्ट फेंसिंग के फायदे
– प्रौद्योगिकी, सीमा की रक्षा करने वाले जवानों में हताहतों की संख्या कम करेगी।
– जवानों के कई घंटों की ड्यूटी के दौरान तनाव कम करने का मौका प्रदान करेगी।
– प्रौद्योगिकी को जोड़ने से एक अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक बैरियर पैदा होगा।
– भूमि, जल और वायु में घुसपैठ की पहचान व उसे विफल करने में बीएसएफ की मदद करेगा।
– यह जवानों की गश्त पर निर्भरता को कम करेगा।
कई देशों में लागू, ऐसे करती है काम
आपके मन मे यह सवाल उठ सकता है कि लेजर एक्टिव बाड़ यानी स्मार्ट फेंस क्या है और किस तरह से यह काम करती है। दूसरा, आखिर किन-किन देशों में इस तरह की फेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां उन देशों को देखते हैं जहां यह लागू है।
इजरायल
इजरायल ने जॉर्डन से लगती सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए स्मार्ट फेंसिंग का सहारा लिया है। करीब 30 किलोमीटर के दायरे में फैली इस सीमा पर अफ्रीकी शरणार्थियों के रूप में जिहादी ग्रुप के आतंकी भी घुसपैठ करने में सफल हो जाते थे। वर्ष 2015 में इजरायल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने स्मार्ट फेंसिंग की योजना को हरी झंडी दी थी। इजरायल की ही कंपनियां कई देशों में इस तरह की फेंसिंग का निर्माण करने में लगी हैं।
अमेरिका
अमेरिका ने मेक्सिको से लगती अपनी सीमा पर अवैध घुसपैठ रोकने के लिए 2017 में स्मार्ट फेंसिंग लगाने के लिए इजरायल की कंपनी एलबिट सिस्टम से करार किया था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 में इस सीमा पर दीवार बनाने की बात कही थी। इस हाईटेक फेंसिंग में ऑब्जरवेशन टावर के अलावा इसमें एडवांस्ड सेंसर, रडार, सेंसर टावर, मॉनिटर यूनिट और हाईटेक कम्यूनिकेशन सिस्टम शामिल है। अमेरिका की मेक्सिको से करीब 3360 मील की सीमा लगती है।
सऊदी अरब
सऊदी अरब ने इराक से लगती अपनी सीमा पर 2014 में हाईटेक फेसिंग लगाया था। पहले चरण में इसके उत्तरी फ्रंट पर करीब 900 किलोमीटर की सीमा पर इस तरह की फेंसिंग की गई थी। इस पांच स्तरीय फेसिंग में नाइट विजन कैमरा, वाच टावर, राडार यूनिट और फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क शामिल थी। इससे सीमा से लगते 32 केंद्रों को जोड़ा गया, करीब 78 मॉनिटरिंग टावर बनाए गए, सीमा के नजदीक 50 रडार स्थापित किए गए और करीब डेढ़ लाख मीटर लंबी फाइबर ऑप्टिकल केबल डाली गई।
बुल्गारिया-हंगरी और मोरक्को
बुल्गारिया और हंगरी ने भी अवैध घुसपैठ की घटनाओं से पार पाने के लिए वर्ष 2015 में इजरायल की कपंनी से सीमा पर स्मार्ट फेंसिंग लगाने का करार किया था। इराक, मिस्र, इरान और लीबिया से लोग इन देशों में अवैध घुसपैठ के माध्यम से आए हैं। इजरायल की कंपनी मेग्ना बीएसपी से इन देशों ने करार किया था। इसके अलावा मोरक्को ने भी अल्जीरिया की तरफ से होने वाली अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए इसी तरह की फेंसिंग का सहारा लिया है।