भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव की रणनीति अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से निकलकर पार्टी कार्यालयों के दफ्तर में बनना शुरू हो गई है. इसी कड़ी में बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में उपचुनाव की रणनीतिको लेकर एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत समेत उपचुनाव को लेकर बनी समितियों के सदस्य और प्रभारी भी शामिल हुए. खास बात यह थी कि बैठक में सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत भी शामिल हुए. बैठक में सभी उपचुनाव वाली सीटों पर चुनाव रणनीति को लेकर चर्चा हुई और यह तय किया गया है कि पार्टी बूथ स्तर तक प्रचार प्रसार की मॉनिटरिंग करेगी. जबकि बैठक में वह चेहरे भी शामिल हुए जिनके बारे में यह कहा जा रहा था कि वह उपचुनाव में पार्टी से खफा हो सकते हैं.
बैठक में बीजेपी के वह पूर्व मंत्री और चेहरे भी शामिल हुए जिनके बारे में यह कहा जा रहा था कि वो उपचुनाव में सिंधिया समर्थकों के चुनाव लड़ने से खफा हो सकते हैं. ग्वालियर चंबल से पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह और लाल सिंह आर्य बैठक में शामिल होने पहुंचे, तो वहीं सागर संभाग से पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह भी बैठक में शामिल हुए. इन तीनों से ही जब उपचुनाव में नाराजगी को लेकर सवाल किया गया तो उनका कहना था कि जो पार्टी तय करेगी वह उस फैसले को मानेंगे. अगर कांग्रेस से आकर बीजेपी के टिकट पर कोई चुनाव लड़ेगा तो यह भी पार्टी का फैसला है और वह सब इस फैसले के साथ हैं.
मध्य प्रदेश में 24 सीटों के लिए विधानसभा का उपचुनाव होना है इनमें सबसे ज्यादा 16 सीटें ग्वालियर चंबल संभाग की हैं. बीजेपी ने उपचुनाव के लिए चुनाव संचालन से लेकर चुनाव प्रबंध समिति और विधानसभा सीटों के प्रभारी तक नियुक्त कर दिए हैं. जबकि अभी तक इनकी बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जा रही थी, लेकिन अब अनलॉक 1.0 में सभी तरह की आने जाने की छूट मिलने के बाद बैठक पार्टी कार्यालय में होना शुरू हो गई हैं. इतना जरूर है कि इन बैठकों से मीडिया को दूर रखा जा रहा है.