टोक्योः उत्तर कोरिया के सनकी किंग किम जोंग उन की धमकियों की तंग आए जापान ने बड़ा कदम उठाते उत्तर कोरिया पर नए सिरे से प्रतिबंध लगा दिए हैं। पहले के प्रतिबंधों की तरह इनका मक़सद भी प्योंगयांग पर परमाणु कार्यक्रम को रोकने का दबाव बनाना है। जापान के मुख्य कैबिनेट सैक्रेट्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि ”19 संस्थाओं और व्यक्तियों की संपत्तियां फ़्रीज़ की जाएंगी।”
जापान के निशाने पर चीन और रूस समेत कुछ देशों के 210 संगठन और लोग हैं। जिन व्यवसायों को प्रतिबंधों वाली सूची में डाला गया है उनमें बैंक, कोयला और खनिज व्यापार और परिवहन कंपनियां हैं। जापान ने कहा कि सितम्बर में उत्तर कोरिया ने जब से अपनी इंटरकॉन्टिनैंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) छोड़ी है तब से जापान एक “अभूतपूर्व ख़तरे का सामना कर रहा है।”
सुगा के मुताबिक़, “उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम मिसाइल छोड़ी जो हमारे इकोनॉमिक ज़ोन में गिरी। इसके बाद भी वो लगातार भड़काने वाली बातें कर रहा है।” ग़ौरतलब है कि उत्तर कोरिया की यह मिसाइल जापान के ऊपर से गुज़रकर जापान सागर में गिरी थी। कैबिनेट सचिव सुगा ने बताया कि “उत्तर कोरिया पर और दबाव बनाने के लिए” जापान अभी और संपत्ति फ़्रीज़ करेगा।
जापान ने पहले से ही उत्तर कोरिया पर कई प्रतिबंध लगा रखे हैं। इनमें व्यापार और पोर्ट के इस्तेमाल पर रोक भी शामिल हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र, दक्षिण कोरिया और अमरीका ने भी उत्तर कोरिया पर एकतरफ़ा प्रतिबंध लगा रखे हैं।