भोपाल ! एक किशोरी की आंखों से बहते आंसुओं ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिल में भावनाओं का वार ला दिया और उन्हें भी उसके दुख का हिस्सेदार बना दिया। इतना ही नहीं कथित तौर पर दुखी किशोरी को उन्होंने न केवल बहन की तरह पालने का एलान कर दिया, बल्कि सरकारी नौकरी तक का भरोसा दे दिया।
अब किशोरी की जो हकीकत खुलकर सामने आ रही है, उसने मुख्यमंत्री की भावनाओं का मजाक तो उड़ाया ही है, साथ में उनकी ओर से हुई एक बड़ी चूक की ओर इशारा किया है। उत्तराखंड में आई आपदा में मध्य प्रदेश के लोगों को भी जान गंवाना पड़ी है। राय के सैकड़ों लोग वहां फंसे थे। फंसे लोगों को राहत देने के लिए सरकार की ओर से इंतजाम किए गए, हरिद्वार में राहत शिविर लगाया गया। मुख्यमंत्री शिवराज और उनकी पत्नीराहत शिविर का जायजा लेने हरिद्वार पहुंचे तो उन्हें स्नेहलता नामक एक किशोरी मिली, जिसने अपने माता-पिता के खोने का जि किया। स्नेहलता की कहानी सुनकर शिवराज व उनकी पत्नी साधना सिंह द्रवित हो उठे। दोनों उसे अपने साथ विशेष विमान से अन्य यात्रियों के साथ भोपाल ले आए। मुख्यमंत्री ने भोपाल पहुंचते ही एलान किया कि स्नेहलता व उसकी छोटी बहन आयुषी को बहन की तरह महत्व देकर शादी तक कराएंगे। इतना ही नहीं उन्होंने स्नेहलता को सरकारी नौकरी देने तक का घोषणा कर दी। अब स्नेहलता के बारे में जो हकीकत सामने आ रही है, वह चौंकाने वाली है। स्नेहलता का वास्तविक नाम नेहा है। वह ग्वालियर नहीं भिण्ड की रहने वाली है। उसके पिता महावीर प्रसाद व माता जी केदारनाथ से भिण्ड लौट चुके हैं। नेहा ने पिता को पहचानने से ही इंकार कर दिया है, जबकि छोटी बहन आयुषी को पहचान लिया है। स्नहेलता उर्फ नेहा अभी भोपाल के जेपी अस्पताल में है। सरकार उसकी मनोदशा ठीक न होने का हवाला दे रही है। एक किशोरी ने अपने से जुड़ी हर जानकारी छुपाई और सरकार उसकी हर बात पर भरोसा कर गई। यह कहीं न कहीं सुरक्षा के लिए घातक भी हो सकता था, वहीं इस घटनाम से उस वर्ग को नुकसान उठाना होगा, जो मदद के हकदार होते हैं।

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