ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सीमा से आने जाने वाली बसों पर रोक लगाई गई है। फिलहाल यह पाबंदी 29 मई से 7 मई तक के लिए लगी है। यदि कोरोना मामलों में सुधार नहीं हुआ तो आगे भी बढ़ सकती है। ऐसा किए जाने से हर रोज करीब दस हजार से अधिक यात्री सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। यह आदेश आने के बाद भिण्ड जिले से आने जाने वाली बसें शाम को रोक दी गईं।

भिण्ड जिले की सीमा उत्तर प्रदेश के आगरा, इटावा और जालौन जिले से सीधे जुड़ी हुई है। इन जिलों के अलावा झांसी, ललितपुर सहित अन्य जिलों के लिए अलग-अलग कस्बों से बसें आती-जाती है। बताया जाता है कि सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के लिए भिण्ड शहर से बसें आती जाती है। इसके अलावा भिण्ड जिले के लहार, मिहोना, दबोह, आलमपुर, रौन, मौ, गोहद व मेहगांव कस्बों से भी बसों का आना जाना है। इस तरह से सौ से अधिक बसें हर रोज उत्तरप्रदेश के अलग-अलग कस्बों में आती जाती हैं। इन बसों के रोक लगाए जाने से हर रोज करीब दस हजार से अधिक यात्री सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। कोविड संक्रमण को देखते हुए यह रोक का आदेश परिवहन विभाग मुख्यालय ग्वालियर द्वारा पूरे प्रदेश के लिए जारी किया गया है।

कोरोना संक्रमण दिनों दिन ग्वालियर चंबल संभाग में बढ़ता जा रहा है। भिण्ड जिले में पिछले 28 दिनों में 735 केस नए केस मिले है। इतने अधिक केस मिलने के पीछे मुख्य कारण यह है कि एक जिले से दूसरे जिले में लोगों की आवाजाही बनी हुई है। इधर उत्तरप्रदेश में पंचायत चुनाव भी चल रहा है। भिण्ड जिले की सीमा से सटे इटावा, जालौन, कोंच, नदीगांव, झांसी, ललितपुर सहित उत्तरप्रदेश के छोटे-बड़े कस्बों में भिण्ड व उत्तरप्रदेश के लोगों की लगातार आवाजाही बनी हुई है। वहीं सहालग में भी यात्रियों की जमकर भीड़ हो रही है। इस वजह से ज्यादा संक्रमण की आशंका बनी हुई है।

प्रदेश सरकार ने यात्री बसों पर तो प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन चार पहिया और दुपहिया और निजी वाहनों पर प्रतिबंध नहीं होने से बसों की सवारी इन वाहनों से आ रही हैं। उत्तरप्रदेश के आगरा से आने वाली सवारियां चंबल नदी पैदल पार कर अपनी जान जोखिम में डालकर आ रही है। कही-कही उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर यात्रियों की अदला-बदली की जा रही है। गुजरात, राजस्थान और दिल्ली से आने वाली बसों पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

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