उज्जैन। मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस के इंफेक्शन के बढ़ने का एक बड़ा कारण जाहिल लोग हैं जो लगातार स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। इंदौर में डॉक्टरों पर हमले के बाद उज्जैन में कोरोनावायरस के संक्रमण के संदर्भ में सर्वे करने गई मेडिकल टीम को जाहिल लोगों ने घेर लिया। मेडिकल टीम में दो महिलाएं थी। जाहिल लोगों ने उनके सामने गंदी गालियां दी। महिलाओं को धमकी दी गई। स्थिति को संभालते हुए मेडिकल टीम जान बचाकर वहां से निकलकर आई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दानीगेट क्षेत्र की एक महिला की 3 अप्रैल को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। नियम अनुसार पूरे क्षेत्र में कोरोनावायरस के इंफेक्शन का सर्वे होना है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि इंफेक्शन आसपास के लोगों में तो नहीं फैल गया है। यह सर्वे प्रभावित क्षेत्र के नागरिकों की जान बचाने के लिए है लेकिन मेडिकल टीम ने जैसे ही सर्वे का काम शुरू किया जाहिल लोगों ने चारों तरफ से उन्हें घेर लिया। वह लोग मेडिकल टीम को वापस जाने के लिए बोल रहे थे। उन्होंने धमकी दी कि यदि मेडिकल टीम वापस नहीं गई तो बहुत बुरी तरह पीटा जाएगा। कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। धमकी से घबराए मेडिकल टीम किसी तरह की स्थिति को संभालते हुए वापस लौट आई।

मेडिकल टीम ने पुलिस के पास आकर शिकायत दर्ज कराई और सुरक्षा की मांग की। मंगलवार को पुलिस बल स्वास्थ्य अमले के साथ मौके पर पहुंचा मस्जिद से अनाउंसमेंट करवाया गया। तब कहीं जाकर इलाके में कोरोना वायरस के इंफेक्शन का सर्वे कार्य शुरू हो सका। सवाल यह है कि क्या सरकार को अपनी हर कार्रवाई से पहले मस्जिद से अनाउंसमेंट करवाना पड़ेगा। क्या इन इलाकों में सरकार सीधे कोई कार्यवाही नहीं कर सकती। क्या इन क्षेत्रों में सरकारी कर्मचारियों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है।

उज्जैन के एडीशनल एसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि स्वास्थ्य टीम के साथ अभद्रता की कुछ नर्सों द्वारा शिकायत की गई थी। टीम ने मौके पर पहुंचकर रहवासियों को समझाइश दी है। स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रख रहे हैं। रहवासियों ने भी ज्ञापन देकर अभद्रता जैसी बात से इंकार किया है। जांच कर रहे हैं।

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