भोपाल। उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान, भोपाल में छात्रों के लिये हॉस्टल बनेगा। साथ ही 8 करोड़ की लागत से 2000 सीटर ऑडिटोरियम भी बनवाया जायेगा। श्री शर्मा संस्थान में उपाधि वितरण समारोह और वार्षिकोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उच्च शिक्षा मंत्री ने संस्थान परिसर में बॉयोटेक लेब, गणित और केंटीन भवन का लोकार्पण भी किया।
उच्च शिक्षा मंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि अनुशासन में रहने पर सफलता जरूर मिलेगी। श्री शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा सुविधाओं के विस्तार के उद्देश्य से सुदूर अंचलों में महाविद्यालय खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि 150 वर्ष पहले स्वामी विवेकानंद ने अपनी प्रतिभा के बल पर पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया था। श्री शर्मा ने विद्यार्थियों को अध्ययन में नवीन तकनीक का उपयोग करने की सलाह भी दी। उन्होंने छात्रों द्वारा झुग्गी-बस्ती के बच्चों को निःशुल्क ट्यूशन देने को सराहनीय और अनुकरणीय बताया।
उच्च शिक्षा मंत्री ने समारोह में डायरेक्टर मेडल श्री मनीष दुबे को दिया। उन्होंने संस्थान के प्राध्यापकों के परिजनों की स्मृति में स्थापित मेडल भी कक्षा में सर्वोच्च अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को दिये। श्री शर्मा ने संस्था के पूर्व प्राचार्य श्री एन.पी. सिंह की स्मृति में स्थापित मेरिट अवार्ड तीन विद्यार्थी को दिये। अवार्ड स्वरूप पाँच हजार की राशि दी जाती है। उन्होंने विभिन्न कक्षा के विद्यार्थियों को उपाधि भी वितरित की। श्री शर्मा ने ‘एक्सेल एसेन्स’ पत्रिका का विमोचन भी किया।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री जे.एन. कंसोटिया ने बताया कि पिछले वर्ष 43 महाविद्यालय प्रारंभ किये गये हैं। श्री कंसोटिया ने कहा कि प्राध्यापक नियमित कक्षाएँ लें और विद्यार्थियों की कक्षा में उपस्थिति सुनिश्चित करें।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. श्रीमती निशा दुबे ने भी विचार व्यक्त किये। डायरेक्टर मेडल प्राप्त छात्र श्री मनीष दुबे ने अपने अनुभव सुनाये।
218 विद्यार्थी का प्लेसमेंट
डायरेक्टर डॉ. श्रीमती प्रमिला मैनी ने बताया कि वर्ष 2011-12 में संस्थान में 218 विद्यार्थी का टी.सी.एस., सिम्वायसिस और आई.बी.एम. जैसी कम्पनियों में प्लेसमेंट हुआ है। उन्होंने बताया कि सीआईआई के साथ मिलकर फिनिशिंग स्कूल प्रारंभ किया जायेगा। संस्थान की 70 छात्रा को मार्शल-ऑर्ट एवं कराटे का प्रशिक्षण दिलाया गया है।