ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री से कहा है कि अमेरिका भरोसे लायक नहीं है। 2015 परमाणु संधि से अमेरिका के अलग होने के बाद ईरान पर लगे नए प्रतिबंधों के बाद रूहानी ने यह बयान दिया है। अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए ही उत्तर कोरिया के साथ भी बातचीत में जुटा हुआ है।
इससे पहले ईरान ने वॉशिंगटन की तरफ से दिए गए बातचीत के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया था। ईरान ने कहा था कि ट्रंप प्रशासन के साल 2015 के परमाणु डील से बाहर निकलने के बाद अब वह बातचीत नहीं कर सकता। उत्तर कोरिया के टॉप डिप्लोमैट री यॉन्ग हो ने अमेरिकी द्वारा ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद तेहरान का दौरा किया है। ईरान की इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी के मुताबिक रूहानी ने री से कहा, ‘हाल के सालों में अमेरिकी प्रशासन के प्रदर्शन ने देश को दुनियाभर की नजर में अविश्वसनीय बना दिया है, जो अपने किसी भी दायित्व को पूरा नहीं करता है।’
रूहानी ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति में दोस्त देशों को रिश्ते और सहयोग मजबूत करने चाहिए। ईरान और उत्तर कोरिया हमेशा से ही कई मुद्दों पर एक से विचार रखते आए हैं।’ री सिंगापुर में सिक्यॉरिटी फोरम की बैठक में हिस्सा लेने के बाद तेहरान पहुंचे थे। ईरान की न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने भी 2015 के परमाणु संधि से अमेरिका के अलग होने को अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों का उल्लंघन बताया है।