वॉशिंगटन… आतंकवाद को पालने के अमेरिकी दावों को झेल रहे पाकिस्तान को डॉनल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने सहयोगियों के जरिए कड़ा संदेश भेजने की तैयारी में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप आने वाले हफ्तों में अपने डिप्लोमैटिक और सैन्य सलाहकारों को पाकिस्तान भेजेंगे। पाकिस्तानी और अमेरिकी सूत्रों के मुताबिक ट्रंप अपने सहयोगियों के जरिए पाकिस्तान को यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उसे अब किसी भी कीमत पर जिहादी समूहों को अपना समर्थन देना बंद करना पड़ेगा।

डॉनल्ड ट्रंप के पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बताने के कुछ हफ्तो बाद ही अब अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन इस महीने के आखिर में पाकिस्तान जा सकते हैं। इसके बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस के भी पाकिस्तान जाने की योजना है। ऐसा माना जा रहा है कि लंबे समय से सीमा के पास तालिबानी आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने मुहैया करवाने और अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना से लड़ रहे इस्लामिक समूहों को पाकिस्तान के समर्थन से अब वॉशिंगटन तंग आ चुका है।

पाकिस्तान के सहयोगी माने जाने वाले अमेरिका से उसके रिश्तों में कड़वाहट साल 2011 में ही आ गई थी, जब तत्कालीन यूएस प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने अपने कमांडोज को अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए इस्लामाबाद भेजा था। ट्रंप ने भी ओबामा की पाकिस्तान को लेकर नीति में किए बदलावों को अपनाया और इस्लामाबाद को कई बार यह बताया कि अब उनके बर्दाश्त की सीमा पार हो चुकी है।

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