पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री शीरीन मजारी का कहना है कि उन्होंने विवादित कश्मीर मुद्दे का समाधान खोज लिया है। मजारी को माना जाता है कि वह सेना की करीबी हैं और पाकिस्तान + की राजनीति में सेना के ताकतवर दखल से वैश्विक राजनीति अनजान नहीं है। नई सरकार के गठन के कुध दिन बाद ही एक बार फिर पाक सरकार ने कश्मीर राग अलापना शुरू कर दिया है।
मजारी को शपथ ग्रहण से पहले से ही नई कैबिनेट में प्रभावी पद मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी। मीडिया में तो ऐसी खबरें भी थीं कि उन्हें रक्षा मंत्रालय का प्रभार दिया जा सकता है। मजारी ने कहा है कि वह अगले सप्ताह प्रधानमंत्री इमरान खान + के सामने अपना प्रस्ताव पेश कर सकती हैं। एक टीवी टॉक शो में इसकी घोषणा की, लेकिन उन्होंने अपने प्रस्ताव से संबंधित डिटेल्स साझा करने से इनकार कर दिया।
मजारी ने टॉक शो में कहा, ‘मैंने विवादित मुद्दे के समाधान के लिए मॉडल फॉर कॉन्फ्लिक्ट रेजॉलूशन नाम से प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को तैयार करने के लिए मैं पिछले कुछ समय से काम कर रही थी। हम इसे फिलहाल सभी जिम्मेदार व्यक्तियों को देंगे और अगर प्रधानमंत्री राजी होते हैं तो इस प्रस्ताव को आगे और जिम्मेदार संस्थाओं को भी पेश किया जाएगा।’
मानवाधिकार मंत्री का पद संभालने से पहले मजारी इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज में डायरेक्टर जनरल के पद पर थीं। उन्हें रक्षा मामलों के जानकार के तौर पर जाना जाता है। इस्लामाबाद + के कायद-ए-आजम यूनिवर्सिटी में भी उन्होंने डिफेंस ऐंड स्ट्रैटिजिक स्टडीज डिपार्टमेंट में वह प्रफेसर के पद पर भी रह चुकी हैं।
विश्लेषक औरंगजेब खान का कहना है कि मजारी के प्रपोजल में निश्चित तौर पर सेना का भी इनपुट होगा क्योंकि कश्मीर के विवादित मुद्दे पर सेना का दखल किसी से छुपा नही हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री पद की शपथ के बाद इमरान खान ने भी कहा था कि वह भारत के साथ सभी मुद्दों का समाधान चाहते हैं और यह बातचीत के जरिए ही संभव हो सकता है।