भोपाल। यदि सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही सरकारी विभागों में फाइल गुम होने और फाइलें दबाने की शिकायत खत्म हो जाएगी। क्योंकि 15 अगस्त से मंत्रालय में ई-ऑफिस फिर काम होगा। इसके बाद विभागाध्यक्ष कार्यालय (एचओडी)एवं दिसंबर से कलेक्ट्रेट एवं संभागायुक्त कार्यालयों में भी ई-ऑफिस पर काम होगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेज दिया है।

शिवराज सरकार ने मंत्रालय में ई-ऑफिस सिस्टम लागू करने के लिए करोड़ों खर्च कर हाईटेक कंप्यूटर एवं प्रिंटर लगवाए। साथ ही अधिकारी एवं कर्मचारियों को ई-ऑफिस पर काम करने की ट्रेनिंग दी गई थी। कुछ महीनों के लिए मंत्रालय में ई-ऑफिस पर काम भी हुआ, लेकिन पूर्व मुख्य सचिव बीपी सिंह के ढुलमुल रवैए से ई-ऑफिस सिस्टम ठप हो गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने कलेक्ट्रेट से लेकर मंत्रालय में ई-ऑफिस सिस्टम लागू करने की रणनीति तैयार की है। जिसके तहत मंत्रालय में 15 अगस्त से ई-ऑफिस पर काम शुरू हो जाएगा। 2 अक्टूबर से सभी एचओडी कार्यालयों को ई-ऑफिस से जोड़ा जाएगा। इसके बाद दिसंबर से सभी कलेक्ट्रेट एवं संभागायुक्त कार्यालयों में भी ई-ऑफिस सिस्टम लागू करने का लक्ष्य है। इसके लिए एचओडी कार्यालय, संभाग एवं जिला स्तर पर कर्मचारी एवं अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। साथ ही नए उपकरण भी ऑफिसों में लगाए जाएंगे।

ई-ऑफिस शुरू होने के बाद कागजी रिकॉर्ड रखने की समस्या खत्म हो जाएगी और हर साल हजारों टन कागज की बचत होगी। डाटा सुरक्षित रखने दो डाटा सेंटर बनेंगे। दूसरा डाटा सेंटर प्रदेश के बाहर बनेगा। यदि युद्ध, प्राकृतिक आपदा या अन्य किसी स्थिति में एक डाटा सेंटर नष्ट होगा है,तब दूसरे डाटा सेंटर से डाटा रिकवर किया जा सकेगा।

ई-ऑफिस सिस्टम में हर फाइल ट्रेस करना आसान है। संबंधित विभाग का अधिकारी या कर्मचारी किसी भी फाइल की लोकेशन ट्रेश कर सकता है। फाइल ओके होने के बाद उसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं हेागी। लिपिक से लेकर मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री तक फाइल निपटाने की समय-सीमा तय है। फाइल समय पर नहीं करने के लिए कारण भी बताना होगा। ई-ऑफिस की खास बात यह है कि किसी भी इमरजेंसी में एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस में अधिकारियों को फाइल लेकर दौडऩा नहीं पड़ेगा। एक क्लिक पर फाइल ओके होगी। यदि फाइल तत्काल कॉल बैक करनी है तो संबंधित कर्मचारी अधिकारी को एसएमएस से इसकी सूचना मिल जाएगी। इतना ही नहीं अधिकारी दुनिया के किसी भी हिस्से में रहकर भी लेपटॉप पर फाइल ओके कर सकते हैं।

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