इंदौर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता सहित मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन एवं प्रमुख सचिव गृह मंत्रालय के नाम नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामला रविवार 19 जनवरी 2020 को हुए घटनाक्रम का है। कलेक्टर निधि निवेदिता ने भाजपा की एक रैली को रोकने के लिए हाथापाई की थी।

राजगढ़ में हुए घटनाक्रम को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में एडवोकेट हर्षवर्धन शर्मा की ओर से याचिका दायर की गई थी। इस पर पूर्व उपमहाधिवक्ता पुष्य मित्र भार्गव ने पक्ष रखते हुए कलेक्टर के कृत्य को असंवैधानिक बताते हुए कार्रवाई की मांग की। इस पर कलेक्टर निधि निवेदिता के बचाव में अतिरिक्त महाधिवक्ता रविंद्र सिंह छाबड़ा ने तर्क दिया कि पहले महिला अधिकारी की चोटी खींची गई। उसके बाद यह सारा घटनाक्रम हुआ। उच्च न्यायालय के अभिभाषक हर्ष वर्धन शर्मा ने कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा के मार पीट करने के कृत्य को गलत बताते हुए कहा कि एक शांतिप्रिय कार्यक्रम को अप्रत्याशित दुखद घटना में बदल देने के लिए कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर जिम्मेदार हैं।

हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में मुख्य आधार लिया गया कि कलेक्टर ने CAA के विरोध में होने वाले कार्यक्रमों के कोई व्यवधान नही डाला लेकिन CAA के समर्थन में निकल रही तिरंगा यात्रा के सदस्यों को थप्पड़ मारकर और कॉलर पकड़कर सड़क पर घसीटा गया। याचिकाकर्ता ने यह भी आधार लिया कि सम्पूर्ण घटनाक्रम की वीडियोग्राफ़ी में सिर्फ कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर लोगों के साथ मार-पीट करती हुई नज़र आ रही हैं।

याचिका में यह भी मांग की गई है कि कलेक्टर निधि निवेदिता के मजिस्ट्रियल पावर्स वापस लिए जाएं। राजगढ़ में बिना वजह लगाई गई धारा 144 के आदेश को निरस्त किया जाए। इस पूरे मामले की प्रमुख सचिव की निगरानी में जांच करवाकर कलेक्टर के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। मारपीट में घायल व्यक्तियों को मुआवजा दिया जाए और कलेक्टर निधि निवेदिता के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाए। अब 4 हफ्तों में मध्यप्रदेश शासन के साथ कलेक्टर निधि निवेदिता को अलग से उच्च न्यायालय में अपना जवाब प्रस्तुत करना है।

पिछले दिनों सीएए के समर्थन में रैली निकाल रहे बीजेपी नेताओं पर राजगढ़ में पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। प्रशासन ने इन लोगों को रैली निकालने की अनुमति नहीं दी थी। रैली निकाल रहे बीजेपी नेताओं से जिले की कलेक्टर निधि निवेदिता भिड़ गईं थीं। वो अकेले ही उनकी पिटाई करने लगीं। वहीं, डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा भी जब बीजेपी नेताओं की पिटाई करने लगीं तो उनके साथ लोगों ने बदसलूकी की इस दौरान उनके बाल भी खींचे गए।

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