इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में स्कीम न. 71, सेक्टर डी में रविवार रात भारी पुलिसबल के साथ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। लोग कुछ समझ पाते उससे पहले 55 लोगों को वहां से उठाया और अक्षत गार्डन में आइसोलेट कर दिया। यह वही इलाका है जहां 5 दिन पहले कोरोना की महिला मरीज मिली थी। उसके घर के आसपास रहने वाले सभी लोगों को बस में भरकर ले जाया गया। लोग इस कार्रवाई से नाराज हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कोरोना को तीसरे स्टेज पर पहुंचने से रोकने के लिए ये कार्रवाई जरूरी है।

शहर में दिन-ब-दिन कोरोना वायरस के बढते प्रकोप को रोकने के लिए प्रशासन ने अब पूरी तरह लॉकडाउन का फैसला लिया है। इस लॉकडाउन में नागरिकों को हर हाल में घर में ही रहना पडेगा। यहां तक कि दूध, सब्जी, किराना जैसी रोजमर्रा की चीजों पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। पेट्रोल पंप भी बंद रखे जाएंगे। चोइथराम सब्जी मंडी सहित सभी सब्जी मंडियों को बंद कर दिया गया है। दो-तीन दिन तक दूध की आपूर्ति भी बंद रहेगी। रविवार को कमिश्नर आकाश त्रिपाठी की अगुआई में हुई बैठक में यह रणनीति बनाई गई। इसमें आईजी विवेक शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र, नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

इसमें कोरोना से निपटने ज्यादा मुस्तैदी से काम करने पर जोर दिया गया। कमिश्नर ने कहा, किसी भी हालत में वाहन सडकों पर नहीं दिखाई देंगे। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को अस्थायी जेल में डाला जाएगा। कलेक्टर ने कहा, किसी बडे मैरिज गार्डन को अस्थायी जेल बनाया जाएगा।

इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि आठ-दस दिन नहीं संभले तो शहर के हालात काबू से बाहर हो जाएंगे। अभी तो रानीपुरा में ही कोरोना वायरस फैला है, लोगों ने लॉकडाउन का खुद सख्ती से पालन नहीं किया तो हर इलाका रानीपुरा बन जाएगा। लोगों से अपील है कि वे बाहर न घूमें। सामान्य कर्फ्यू में तो लोग बाहर निकल भी जाते थे, लेकिन यह उस तरह का वक्त नहीं है।

इंदौर के एक निजी अस्पताल में शहर के रहने वाले कोरोना संदिग्ध की मौत हो गई। रिपोर्ट आने पर स्पष्ट हो सकेगा। एडीएम एनके सूर्यवंशी ने बताया कि कर्मचारी कॉलोनी निवासी 46 वर्षीय व्यक्ति की रविवार को इंदौर के अस्पताल में मौत हुई है। इधर, खंडवा जिला अस्पताल में भर्ती इलेक्ट्रोपैथी डॉक्टर की रविवार को मौत हो गई। उन्हें कोरोना संक्रमण की आशंका में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया था।

दो-तीन दिन दूध की सप्लाई पूरी तरह बंद रहेगी। इसके बाद देखा जाएगा। कुछ दिन बाद नगर निगम अपनी गाडियों से अपनी निगरानी में आलू-प्याज हर कॉलोनी और मोहल्ले में भेजेगा। जिन घरों में कोरोना के मरीज मिलेंगे उनके आसपास रहने वाले लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगी मजदूर और बेसहारा लोगों को राधा स्वामी आश्रम के डेरे में रखने की व्यवस्था की जाएगी। बेहद गरीब, निराश्रित व जरूरतमंद लोगों के लिए राशन के 10 हजार सेट तैयार होंगे।

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