उज्जैन.  नकली नोट बाजार में चलाने वाले गिरोह को पकड़ने में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को बड़ी सफलता हाथ लगी है. नकली नोट (Fake notes) चलाने वाले दो आरोपियों (Accused) को एसटीएफ की टीम ने 9 लाख के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार (Arrest) किया है. ये सभी नोट 2000 रुपये के हैं. इससे पहले भी यह गिरोह जुआ और सट्टे में कई नकली नोट बाजार में चला चुके है. नकली नोट बनाने की सामग्री एसटीएफ ने जब्त की है. इसी के साथ नकली नोटों के दो खरीदार भी एसटीएफ के शिकंजे में आए हैं.

दरअसल एसटीएफ को मुखबिर से सूचना मिली थी कि इंदौर (Indore) से चलकर उज्जैन (Ujjain) में नकली नोट सप्लाई करने वाले दो लोग नानाखेड़ा बस स्टैंड पर कुछ देर में पहुंचेंगे. इस सूचना के बाद एसटीएफ की टीम ने बस स्टैंड के चारों तरफ फैल गई और इंदौर से आ रहे सुनील और श्रीराम गुप्ता को दबोच लिया. इन दोनों के पास से एसटीएफ को 9 लाख रुपए के नकली नोट मिले. सभी नोट दो-दो हजार रुपए के हैं. वहीं उज्जैन के नानाखेड़ा मैं जिन दो लोगों को नकली नोट खपाने यह दोनों आ रहे थे, उनमें से एक किरण नाम का, तो दूसरा आनंद नाम का आरोपी बताया जा रहा है. इन दोनों के पास से भी एक लाख रुपया कैश मिला है.

आरोपी सुनील और श्रीराम दोनों नकली नोट छापने के सरगना हैं और मूलतः बुरहानपुर और बड़वानी के बताए जा रहे हैं. इन दोनों ने इंदौर के कृष्ण कुंज कॉलोनी में एक मकान किराए पर ले रखा था और वहीं से नकली नोट छापने का गोरखधंधा चलाया करते थे. पुलिस ने इनके इंदौर के घर से नकली नोट बनाने वाले सामान कंप्यूटर प्रिंटर, मोबाइल फोन सहित अन्य सामग्री भी जब्त की है. फिलहाल एसटीएफ की टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

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