इंदौर ! मध्य प्रदेश के इंदौर जिले का ग्रामीण इलाका खुले में शौच से मुक्त हो गया है। लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को आयोजित एक समारोह में इस जिले के ग्रामीण इलाके के खुले में शौच से मुक्त होने की घोषण की। इंदौर प्रदेश का पहला और देश का दूसरा ऐसा जिला बन गया है, जिसका ग्रामीण इलाका पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त हुआ है। इस समारोह में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि खुले में शौच से मुक्त होकर इंदौर जिला प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में आदर्श जिला बन गया है। इस गौरवमयी सफलता से इंदौर की नई पहचान कायम होगी। उन्होंने कहा कि इंदौर जिले में खुले में शौच से मुक्ति के लिए हुए कार्य से विश्वास एवं संकल्प की जीत हुई है। सबने मिल-जुलकर एकमत होकर इस अभियान में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह इंदौर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लगे सभी लोगों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए अलग से एक कार्यक्रम होगा, जिसमें मैं स्वयं आऊंगा।
उन्होंने घोषणा की कि इंदौर जिले में अभियान से जुड़ी वानर सेनाओं को दस-दस हजार रुपये, जिले की सभी ग्राम पंचायतों को दो-दो लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। चौहान ने कहा कि इस अभियान में अपना लैपटप नहीं लेकर उसके पैसे से शौचालय बनवाने वाले युवा अरुण मकवाना को लैपटॉप दिलवाया जाएगा। महिला जिसने अपने जेवर गिरवी रखकर शौचालय बनवाया है, उसे जेवर दिलवाए जाएंगे।
बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ के प्रदेश कार्यालय प्रभारी मनीष माथुर ने सामुदायिक प्रयास से इंदौर के ग्रामीण इलाके में खुले से शौच मुक्त होने को एक बड़ी उपलब्धि बताया है। उनका कहना है कि यह सकारात्मक प्रयास का प्रमाण है।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि जिले की सभी 312 ग्राम पंचायत के 610 गांव में शौचालय बन गए हैं। सभी लोग इन शौचालयों का उपयोग कर रहे हैं। इसका विभिन्न दलों ने प्रमाणीकरण भी कर दिया है।
इंदौर के जिलाधिकारी पी नरहरि की ओर से रविवार को दी गई जानकारी में बताया गया है कि इस कार्य में गांव के बच्चों ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन बच्चों की वानर सेना बनाई गई, जिन्होंने अपने माता-पिता से जिद कर घरों में शौचालय बनवाए और लोगों को खुले में शौच करने से रोका। गांव की महिलाएं भी इस काम में पीछे नहीं रही। उन्होंने घर-घर जाकर इसकी अलख जगाई। वानर सेना और महिलाएं सुबह चार बजे से लगातार इस बात की निगरानी कर रही हैं कि कोई खुले में शौच तो नहीं जा रहा।
नरहरि के मुताबिक वानर सेना में जिले के 10 हजार से अधिक बच्चे हैं और यह लगातार सक्रिय हैं। इस काम में महिलाओं ने खुले में शौच के विरूद्घ वातावरण बनाने में लोकगीत को हथियार बनाया। वहंीं जन-प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने तरीके से लोगों को इस बात के लिये प्रेरित किया। साथ ही कई जगह उन्होंने आर्थिक सहयोग कर भी लोगों के घर में शौचालय बनवाए।
आधिकारिक तौर पर दावा किया गया है कि इंदौर जिले का पूरा ग्रामीण क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो गया है। खुले में शौच से मुक्त होने वाला पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के बाद इंदौर देश का दूसरा जिला बन गया है। इंदौर देश का ऐसा पहला मंडल है जिसमें आम लोगों ने आगे आकर इस काम में भागीदारी की और स्वयं इसकी मांग की।