ग्वालियर। इंटरस्टेट बदमाशों व डकैतों पर शिकंजा कसने के लिये मध्यप्रदेश , उत्तरप्रदेश और राजस्थान पुलिस अब नये तेवर के साथ मैदान में उतरेंगी। इसके लिये तीनों राज्यों की पुलिस अपने सीमावर्ती जिलों की पुलिस से बेहतर कार्डीनेशन , सहयोग व सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिये सक्रिय भूमिका निभायेंगी। इस क्रम में ग्वालियर में आगामी 29 अगस्त को ग्वालियर-चंबलरेंज से लगे उत्तरप्रदेश , राजस्थान के विभिन्न जिलों व रेंज के पुलिस अधिकारी आपस में एक रणनीति के तहत गुफ्तगूं करेंगे। यह अत्यंत ही हाईप्रोफाइल मीटिंग ग्वालियर के आईजी राजाबाबू सिंह की अध्यक्षता में संपन्न होगी। हालांकि ग्वालियर व चंबल रेंज में अब डकैतों की समस्या व डकैत मूवमेंट न के बराबर है, लेकिन मध्यप्रदेश पुलिस इस मामले में बेहद सतर्क हैं। देखने में आया है कि उत्तर प्रदेश व राजस्थान के डकैत और बदमाश अक्सर वहां की पुलिस सख्ती से मध्यप्रदेश में पनाह लेने आ जाते हैं। इसलिये पुलिस के अधिकारी ग्वालियर में रणनीति तैयार करेंगे, ताकि मध्यप्रदेश , उत्तर प्रदेश व राजस्थान के डकैत व बदमाश एक दूसरे राज्यों में न जा सकें।
29 अगस्त को पुलिस कंट्रोल रूम में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में ग्वालियर रेंज , चंबल रेंज, उत्तरप्रदेश के आगरा, इटावा, झांसी रेंज और राजस्थान के धौलपुर, बांरा, भरतपुर व सवाई माधौपुर के पुलिस अधीक्षक , डीआईजी सहित आईजी भी शिरकत करेंगे। ग्वालियर में होने वाली इस बैठक का मुख्य उददेश्य इंटरस्टेट स्तर पर अपराधों की रोकथाम , पुलिस का आपस में कार्डीनेशन, सूचनाओं का आदान-प्रदान और नवीन तकनीकों का आपसी सहयोग है।
बैठक आईजी ग्वालियर रेंज राजाबाबू सिंह की पहल पर हो रही है और सभी पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों के नवीन आंकडों के साथ उपस्थित रहने को कहा गया है। हालांकि पहले भी ऐसी बैठक आगरा व झांसी में हो चुकी हैं। ग्वालियर की इस बैठक के लिये स्वयं आईजी राजाबाबू सिंह , आगरा, झांसी, इटावा, भरतपुर रेंज के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क में हैं।
ग्वालियर आईजी राजाबाबू सिंह का कहना है कि इंटरस्टेट स्तर की पुलिस अधिकारियों की यह बैठक महत्वपूर्ण है। हम ग्वालियर-चंबल संभाग की सीमाओं से लगे उत्तरप्रदेश व राजस्थान के विभिन्न जिलों के पुलिस अधिकारियों से चर्चा कर डकैतों , उनकी गतिविधियों व अपराधों के खात्मा हेतु संयुक्त मुहिम पर भी चर्चा करेंगे। देखने में आता है कि उत्तरप्रदेश व राजस्थान के बदमाश मध्यप्रदेश की सीमा में आकर अपने क्षेत्र में भाग जाते है। ऐसे अपराधियों की पहचान करने के बाद उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों की बैठक से आपसी तालमेल भी बढेगा।