जोधपुर। जोधपुर के एम्स में कोरोना के इलाज के लिए भर्ती आसाराम बापू को हाई कोर्ट ने फिर झटका दिया है। जोधपुर स्थित राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य पीठ में आसाराम की ओर से लगाई गई जमानत याचिका को दो जजों की खंडपीठ ने खारिज कर दिया। आसाराम ने आयुर्वेद पद्धति से 2 माह तक उपचार लेने के लिए जमानत याचिका दायर की थी। उधर, अस्पताल प्रशासन के मुताबिक आसाराम की तबीयत स्वस्थ है, जिसके बाद उन्हें पुनः जेल भेजने की तैयारियां की जा रही है। आसाराम ने अपने बिगड़ते स्वास्थ्य और कोरोना संक्रमण का आयुर्वेद पद्धति से उपचार के लिए 2 माह के अंतरिम जमानत दिए जाने की गुहार की थी। याचिका की सुनवाई से पहले हाईकोर्ट ने एम्स से तथ्यात्मक रिपोर्ट के साथ अन्य सभी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। जिसके बाद जोधपुर एम्स में भर्ती आसाराम की एंडोस्कोपी की हुई, जिसमें अल्सर की शिकायत पाई गई। हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाह की खंडपीठ ने एलोपैथी पद्धति से हीअल्सर का इलाज कराने की सलाह देते हुए जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यदि आसाराम के स्वास्थ्य में सुधार पाया जाता है तो उन्हें पुनः जेल शिफ्ट कर दिया जाए। इसके बाद आसाराम की बची-खुची उम्मीद भी दम तोड़ती नजर आ रही है। इधर जानकारी मिली है कि जमानत खारिज होने के बाद आसाराम को पुनः जेल शिफ्ट किया जा सकता है।

वर्ष 2013 में अपने ही आश्रम की एक नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार होने के बाद से आसाराम जोधपुर जेल में बंद है। कोर्ट ने इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वर्ष 2013 के बाद से आसाराम की ओर से पंद्रह से अधिक बार जमानत हासिल करने का प्रयास किया जा चुका है, लेकिन कोर्ट ने एक बार भी उनकी जमानत याचिका स्वीकार नहीं की। मई माह के शुरुआत में आसाराम की तबीयत बिगड़ने पर उसे पहले जोधपुर के गांधी अस्पताल लाया गया था जिसके बाद उसे कोविड- पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें एम्स शिफ्ट कर दिया गया था। इधर एम्स में लगातार उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। वहीं आसाराम के 14 दिन के कोविड आइसोलेशन का समय भी पूरा हो गया है। ऐसे में उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि आसाराम को पुनः जेल में भेज दिया जाएगा।

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