उन्नाव गैंगरेप केस में आरोपी बीजेपी विधायक की गिरफ्तारी को लेकर यूपी पुलिस के महानिदेशक ओपी सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल उन्हें अरेस्ट नहीं किया जाएगा. विधायक की गिरफ्तारी पर फैसला सीबीआई करेगी. प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और डीजीपी की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया कि पुलिस किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रही है. उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि दोनों पक्षों को सुनकर कार्रवाई हो रही है. सभी मामले सीबीआई को ट्रांसफर किए जा रहे हैं. अब सीबीआई को फैसला करना है कि विधायक की गिरफ्तारी करनी है या नहीं.”
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि विधायक अभी आरोपी हैं, दोषी साबित नहीं हुए हैं. पुलिस किसी का बचाव नहीं कर रही. एसआईटी की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की गई है. अब मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है. सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपे जाएंगे.
डीजीपी ने कहा कि एसआईटी पूरे मामले में अभी विवेचना कर रही है और सबूतों के संकलन का काम जारी है. अभी विधायक के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं. साक्ष्य मिलते ही कार्रवाई की जाएगी. वहीं पीड़िता और उसके चाचा ने डीजीपी की प्रेस कांफ्रेंस को एक पटकथा करार दिया था. उन्हका कहना है कि एफआईआर लिखे जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होगी.
बता दें डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह का बयान साफ करता है कि कुलदीप सिंह सेंगर की न तो अभी गिरफ्तारी होगी और न ही पूछताछ होगी. क्योंकि सीबीआई को केस हैंडओवर करने की एक प्रक्रिया है जिसमें समय भी लगता है. यानी तब तक विधायक सुरक्षित हैं. इसके साथ ही यूपी पुलिस ने पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है.
गौरतलब है कि, बुधवार शाम एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी. जिसके बाद योगी सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से करने और विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. जिसके बाद माखी थाने में सेंगर और उनके गुर्गों के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है.