भोपाल। जनसम्पर्क, जल संसाधन और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र मध्यप्रदेश के आज पेश किए बजट को आम जनता के लिए एक कल्याणकारी बजट निरूपित किया है। जनसम्पर्क मंत्री ने कहा कि शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और सिंचाई जैसे क्षेत्रों के प्रावधान से स्पष्ट हो जाता है कि यह सरकार एक कल्याणकारी सरकार है। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार के इस बजट में जनता के कल्याण पर फोकस किया गया है। बजट में जीवन के सभी आवश्यक क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है। यह बजट किसानों और अन्य सभी वर्गों का हित सुनिश्चित करने वाला बजट है।
जनसम्पर्क मंत्री डॉ. मिश्र ने कहा कि वर्ष 2018-19 में प्रदेश में 2 लाख 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में नई सिंचाई क्षमता विकसित की जाएगी। बीना परियोजना एवं अन्य परियोजनाओं का कार्य भी शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। आज प्रस्तुत बजट के अनुसार प्रदेश में कुल 10 हजार 928 करोड़ की राशि सिंचाई क्षेत्र में व्यय होगी। अनेक जिलों में लघु और मध्यम सिंचाई योजनाओं का जाल फैलाकर किसानों की समृद्धि की राह खोली जाएगी। नए बजट में 70 नवीन लघु सिंचाई योजनाएं शामिल की गई हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 369 करोड़ रूपए और वाटरशेड विकास पर 205 करोड की राशि का प्रावधान है। यह प्रावधान किसानों के लिए वरदान सिद्ध होंगे। प्रदेश में 980 लघु सिंचाई योजनाएं पूर्ण कर 11 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित की गई है। डॉ. मिश्र ने कहा कि प्रदेश में निरंतर अच्छी सिंचाई के फलस्वरूप आने वाले सालों में किसानों की आय दुगुनी हो जाएगी। उनकी समृद्धि बढ़ेगी।
मंत्री डॉ. मिश्र ने कहा कि कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने किसानों को दो सौ रूपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त राशि देने की व्यवस्था कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बजट में इसके लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है। गांव के विकास के लिए भरपूर राशि का प्रावधान है। किसान कल्याण विभाग की योजनाओं के लिए कुल 9 हजार 278 करोड़ की राशि बजट में रखी गई है जो वर्ष 2017-18 के पुनरीक्षित अनुमान से 87 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश में 15 लाख किसान मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना में शामिल हुए हैं। किसानों ने 28 लाख मीट्रिक टन से अधिक उपज मंडियों में बेची है। इन किसानों को 1500 करोड़ रूपये की राशि दी जा चुकी है। पशुपालन, मत्स्य पालन, सहकारिता, उद्यानिकी के क्षेत्र में क्रमश: 1038 करोड़, 91 करोड़, 1627 करोड़ और 1158 करोड़ की राशि का बजट प्रावधान आज प्रस्तुत बजट में किया गया है। जनसम्पर्क मंत्री ने कहा कि प्रदेश में भावांतर योजना के तहत 28 लाख मीट्रिक टन उत्पादन 1500 करोड़ की राशि किसानों के खातों में जमा कर दी गई है। इसी तरह मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास सरकार की प्राथमिकता रही है। इसी श्रृंखला में उद्योग के लिए 853 करोड़ का प्रावधान 2018-19 के लिए किया गया है। राज्य में निवेश को गति मिलेगी।
जनसम्पर्क मंत्री ने कहा कि जहाँ केन्द्र सरकार ने हेल्थ स्कीम, आयुष्मान योजना के माध्यम से गांव-गांव में सुविधायुक्त अस्पताल शुरू करने की पहल की है वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना से राज्य की एक बड़ी आबादी को लाभान्वित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश में इस योजना से वे 77 लाख परिवार लाभान्वित होंगे जो अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं से अभी वंचित हैं। स्वास्थ्य विभाग के लिए 5 हजार 689 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। चिकित्सा शिक्षा के लिए 2016 करोड़ और आयुष सेवाओं के लिए 438 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जनसम्पर्क मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में मध्यप्रदेश में बोन मेरी ट्रांसप्लांट प्रारंभ करने की महत्वपूर्ण पहल की गई है। कैंसर चिकित्सा के लिए भी बजट प्रावधान बढ़ाया गया है। आयुष के क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इसके लिए वर्ष 2018-19 से गत वर्ष से 14 प्रतिशत बजट में वृद्धि की गई है।
जनसम्पर्क मंत्री डॉ. मिश्र ने कहा कि शासकीय सेवकों की तरह स्थापना अनुदान प्राप्त करने वाली स्वशासी संस्थाओं, स्व वित्त प्रेषित नगरीय निकायों, निगम एवं मंडल के सेवायुक्त को भी सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। इसी तरह आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को केन्द्र सरकार द्वारा नियत मानदेय के अतिरिक्त मानदेय की राशि राज्य सरकार दे रही है। इस राशि में वृद्धि की जाएगी। इसी तरह कोटवारों की मानदेय राशि में भी वृद्धि की घोषणा आज वित्त मंत्री द्वारा की गई है। ग्रामों के साथ शहरी विकास पर भी बजट में ध्यान दिया गया है। प्रदेश में बांस मिशन सक्रिय किया जाएगा। आठ करोड़ पौधे रोपे जाएंगे। पर्यटन, संस्कृति, महिला एवं बाल विकास के लिए बजट राशि में वृद्धि की गई है। ये बजट सुशासन, न्याय प्रशासन और श्रम क्षेत्र को भी सशक्त बनाएगा।