अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव के बीच दोनों देश अपनी जेलों में बंद कैदियों को बदलने की तैयारी में हैं। ये कैदी कोई और नहीं बल्कि अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन तक पहुंचने में अमेरिका की मदद करने वाले डॉक्टर शकील अफरीदी और अफगानिस्तान में एक अमेरिकी सैनिक की हत्या के आरोप में टेक्सस जेल में बंद पाकिस्तानी न्यूरोसाइंटिस्ट आफिया सिद्दीकी हैं।
इस हफ्ते ह्यूस्टन में पाकिस्तानी कौंसल जनरल आइशा फारूकी ने टेक्सस की जेल में बंद आफिया सिद्दीकी से मुलाकात की, जिसके बाद कैदियों की इस अदला-बदली की प्रक्रिया की खबरों को बल मिला है। आफिया को 86 साल की जेल की सजा मिली है। इस बीच, ओसामा बिन लादेन को ट्रैक करने में CIA की मदद करने वाले पाकिस्तानी फिजिशन शकील अफरीदी को भी पेशावर जेल से किसी अज्ञात लोकेशन पर शिफ्ट कर दिया गया है।
कैदियों की इस अदला-बदली की अटकलें यूं तो काफी समय से लगाई जा रही है लेकिन इस्लामाबाद ने इनको खारिज कर दिया था। बल्कि पाकिस्तानी मीडिया के एक धड़े में इस तरह की रिपोर्ट्स भी आईं कि अमेरिका द्वारा जेलब्रेक के डर से पाकिस्तान ने अफरीदी को कहीं और शिफ्ट कर दिया है।
लेकिन इस तरह की सौदेबाजी पाकिस्तान और उसके राजनीतिक-सामाजिक संस्कृति के लिए नया नहीं है। भले ही पाकिस्तान इस तरह की रिपोर्ट्स को खारिज करता रहे, पर बीते महीने ही उसने एक पाकिस्तानी नागरिक पर गाड़ी चलाने वाले अमेरिकी डिप्लोमैट को वापस वॉशिंगटन जाने दिया। पहले पाकिस्तान ने डिप्लोमैट को जाने नहीं दिया लेकिन डिप्लोमैट द्वारा पीड़ित के परिवार को 24 लाख डॉलर की राशि देने के बाद पाकिस्तान ने रेमंड डेविस को वापस अमेरिका जाने दिया।
अमेरिका लगातार पाकिस्तान से अफरीदी के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए कहता है। यहां तक की अमेरिकी सांसद भी अफरीदी को अमेरिकी हीरो के तौर पर देखते हैं और शकील की रिहाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने के पक्ष में हैं। अमेरिकी कांग्रेस ने तो अफरीदी को अमेरिकी नागरिकता और कांग्रेसनल मेडल देने पर भी चर्चा की।
ये सभी बदलाव ऐसे समय में देखने को मिल रहे हैं जब इस्लामाबाद ने अपना नया राजदूत वॉशिंगटन भेजा है। अली जहांगीर सिद्दीकी ने बुधवार को यूएस में पाकिस्तानी राजदूत की जगह ली है। करीब 40 साल के सिद्दीकी संभवतः अमेरिका में सबसे कम उम्र के पाकिस्तानी राजदूत हैं।