भोपाल ! जबलपुर जिले में आदिवासियों की जमीन भू-माफिया द्वारा कथित रूप से खरीदने का मामला आज राज्य विधानसभा में गूंजा। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सदस्य सुशील कुमार तिवारी ने इस मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने भी भाजपा विधायक द्वारा उठाए गए इस मुद्दे का समर्थन करते हुए आरोप लगाया, कि पूरे प्रदेश में कई आदिवासियों की जमीन पर बेजा कब्जे हैं। उनकी जमीनें बेची जा रही हैं। श्री तिवारी ने ध्यानाकर्षण के जरिए यह मामला सदन में उठाया। उन्होंने आरोप लगाया, कि जबलपुर जिले में भू-माफियाों के गिरोह द्वारा आदिवासियों की जमीन सस्ती दर पर करीब 80 से 90 हजार रुपये प्रति एकड बहला फुसलाकर क्रय की गई है। जबकि उसकी वास्तविक कीमत 40 से 45 लाख रुपये प्रति एकड है। अपने उत्तर में राजस्व मंत्री रामपाल सिंह ने कहा कि आदिम जनजाति सदस्य की भूमि गैर आदिवासी को भू राजस्व संहिता के अन्तर्गत दिये गये नियमों के आधार पर होती है। जिस पर भाजपा सदस्य ने कहा, कि यह एक बड़ा घोटाला है। करीब दो हजार एकड जमीन सस्ते दामों पर खरीद ली गई है और इसमें करीब पांच सौ करोड का घोटाला है। इस पर मंत्री ने मामले की उच्च अधिकारी द्वारा तीन माह के अंदर जांच कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान कुछ कांग्रेस सदस्यों ने भाजपा विधायक की मांग का समर्थन करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े ऐसे ही मामले उठाए। लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।

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