मिजाजीलाल जैन
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के उन्नाव दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा पा चुके विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के विशाल अहाते वाले घर के भीतर और बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है। माखी गांव में अब उसके वर्चस्व का साम्राज्य तबाह हो चुका है। लोग चुप हैं, कुछ लोग सद्भाव दिखाने सेंगर के घर भी पहुंचे थे, लेकिन कोई खुल कर बोलने को तैयार नहीं है।
लोग इस बात की चर्चा जरूर करते हैं कि बेहद कठोर सजा दी गई है। इसकी उम्मीद उन्हें नहीं थी। फैसले से लोगों का कोर्ट पर भरोसा बढा है। उम्रकैद की सजा से गांव के लोग खुश हैं। लोग दबी जुबान में कह रहे हैं कि आतंक का भी एक दिन अंत जरूर होता है। कई लोगों को भरोसा था कि विधायक बाहर आ जाएंगे, लेकिन अब संभव नहीं है। सन्नाटा पीडित के घर के बाहर भी नजर आता है, जहां सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इनकी वजह से थोडी हलचल नजर आती है। हालांकि पीडित के घर पर ताला लटका है। जेल में रहने के दौरान कुलदीप के एक छोटे भाई की मौत हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के 2 साल पुराने मामले में दोषी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (53) को दिल्ली के कोर्ट ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि उसे मृत्यु तक जेल में रखा जाए। सेंगर पर 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया। सेंगर को भाजपा से निष्कासित किया जा चुका है।
2017 में कुलदीप और उसके साथियों ने उन्नाव में लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था। जुलाई 2019 में पीडित की कार का एक्सीडेंट हो गया था, जिसका आरोप विधायक पर लगा मगर जांच में उसे क्लीनचिट दी गई थी। हादसे में पीडित की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। पीडित लडकी और उसके वकील तभी से दिल्ली एम्स में भर्ती हैं। सेंगर फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है।