इंदौर ! खंडवा शहर आज बारातियों के स्वागत की तैयारियों में मशगूल है। शुक्रवार की सुबह यहाँ बारात पंहुचने वाली है। कोई फूलमाला तैयार कर रहा है तो कोई टेंट लगा रहा है। एक तरफ महिलाएं मंगल गीत गा रही हैं तो बाहर ढोलक की थाप पर बच्चे नाच रहे हैं। लडकियाँ मेहंदी की रस्म कर रही है तो कन्यादान का सामान भी आ चुका है। शादियाँ तो आपने भी कई देखी होंगी लेकिन ऐसी अनूठी शादी शायद ही देखी होगी।
दरअसल आज जिस मोना की बारात आने वाली है, उसकी किस्मत का फेर कुछ-कुछ फिल्मी है। आज से करीब 14 साल पहले यहाँ के रेलवे स्टेशन पर पुलिस को 4 साल की लावारिस बच्ची मिली थी। इस बच्ची को कोई लेने नहीं आया तो पुलिस ने इसे परवरिश के लिए स्थानीय बाल सेवा सदन को सौंप दिया था। तब से अब तक वह यहीं रहकर पढाई कर रही थी। बीते दिनों दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद बाल सेवा सदन ने उसके ब्याह की जिम्मेदारियों को पूरा करने का सोचा। उन्होंने इसके लिए उचित वर की तलाश शुरू की तो लडक़ों की लाइन लग गई। सोलह लडकों को मना करने के बाद आखिरकार मोना ने सत्रहवें लडके को चुन ही लिया। मोना ने हरदा जिले के टिमरनी के पास पोखरनी के निर्विरोध पंच कमलेश चौधरी को अपना दिल दिया है। मोना की हाँ होते ही बाल सेवा सदन में खुशियों का उत्सव शुरू हो गया। मोना को शहर के लोग अपनी बिटिया मानते हैं, इसलिए समूचा शहर उसके ब्याह की तैयारियों में व्यस्त है। हर कोई बिना किसी बुलावे के जुटा है।
कमलेश ने बताया कि वह इस बात से बहुत खुश है कि उसे मोना ने चुना, वह उसे हमेशा खुश रखेगा. उसने कसम खाई थी कि वह बिना किसी दहेज के अनाथ लडकी से शादी कर उसकी जिंदगी रोशन करेगा। कमलेश ने अपनी पंचायत से कई विकास कार्य कराए हैं। करीब साढ़े तीन सौ आवास, शौचालय और कंक्रीट सडक़ बनाए हैं। 10वीं तक पढ़े कमलेश दहेज प्रथा के सख्त खिलाफ हैं. खंडवा में ई रिक्शा की डीलरशिप के साथ गाँव में खेती भी है, एक भाई इंजीनियर है और बहन की शादी इंदौर में की है। मोना ने बताया कि अपनों से बिछुडऩे का अब कोई गम नहीं है, खंडवा के लोगों के स्नेह पर बात करते हुए उसका गला रुंध जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *