भोपाल। आईएएस अफसर आकाश त्रिपाठी के खिलाफ चल रही प्राथमिक जांच को लोकायुक्त ने खारिज कर दिया। त्रिपाठी ने कलेक्टर इंदौर रहते हुए सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया था। इसी मामले में लोकायुक्त संगठन में शिकायत की गई थी। लोकायुक्त ने प्रमुख सचिव राजस्व को पत्र लिखकर शिकायत समाप्त करने की जानकारी दी है। आकाश त्रिपाठी वर्तमान में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी इंदौर में एमडी हैं।

सूत्रों के मुताबिक इंदौर के तत्कालीन कलेक्टर त्रिपाठी और तहसीलदार बिहारी सिंह के खिलाफ लोकायुक्त संगठन में 2016 में जांच प्रकरण दर्ज हुआ था। मामले के अनुसार तलावली चांदा में आचार्य ज्ञानचंद फाउंडेशन द्वारा संचालित एक निजी कॉलेज ने लीज पर आवंटित जमीन के अलावा सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर लिया था। सरकारी जमीन पर निर्माण कार्य भी करवा लिया गया था। लोकायुक्त में इस मामले की शिकायत हुई तो जिला प्रशासन ने जांच कराई। जांच में पाया गया कि ग्राम पंचायत ने भी 2013-14 में अतिक्रमण के खिलाफ नोटिस जारी किया है। छानबीन के बाद राजस्व अमले ने सरकारी जमीन पर हुए निर्माण को तोड़कर जमीन पर कब्जा ले लिया। कॉलेज प्रबंधन ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में भी दस्तक दी, लेकिन उसे राहत नहीं मिली।

इसी दौरान तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी और तहसीलदार बिहारी सिंह के खिलाफ ज्ञानचंद फाउंडेशन ने अवमानना की कार्रवाई भी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। बाद में तोड़फोड़ की कार्रवाई के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की गई। इसमें बताया गया कि अतिक्रमण तोड़ने के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है।हाई कोर्ट के स्टे के बाद भी निर्माण तोड़ा गया है। शिकायत पर 2016 में लोकायुक्त ने पहले तो प्राथमिक जांच पंजीबद्ध कर लिया था। जवाब में जिला प्रशासन और राजस्व के प्रमुख सचिव के जवाब आने पर शिकायत समाप्त कर दी गई।

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