उजैन ! बालिकाओं में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए सरकार से लेकर गैर सरकारी स्तर पर तमाम कोशिशें की जाती रही हैं, उसी म में मध्य प्रदेश के उजैन जिले में अनोखा प्रयोग किया गया है। यहां माध्यमिक शिक्षा मंडल की हायर सेकेण्डरी की परीक्षा में प्रदेश में अव्वल स्थान हासिल करने वाली सुनंदा खैरवार को एक दिन का नगर पालिकाध्यक्ष बनाया गया।
उजैन जिले के नागदा कस्बे में मंगलवार को निकल रहे एक जुलूस का नजारा निराला था, क्योंकि इस जुलूस में खुली जीप में एक छात्रा सवार थी और उसे लोग मालाएं पहनाने के साथ मिठाई खिलाए जा रहे थे, क्योंकि यह छात्रा उनके कस्बे की नई (एक दिन) नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी जो संभालने जा रही थी।
सुनंदा ने हायर सेकेंडरी (12वीं) की परीक्षा में 91 4 प्रतिशत अंक हासिल करते हुए प्रावीण्य सूची में अव्वल स्थान हासिल किया था। इस उपलब्धि से नागदा कस्बे का हर कोई खुश था और अपने कस्बे की बेटी पर गर्व भी हुआ। इसी के चलते नगर पालिकाध्यक्ष शोभा यादव ने अपने तरीके से सुनंदा को सम्मानित करने का फैसला किया था।
नगर पालिका अधिनियम 1961 में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष प्रावधान है। इसी का इस्तेमाल करते हुए नगरपालिकाध्यक्ष शोभा यादव ने सुनंदा को एक दिन का नपाध्यक्ष बनाने का फैसला किया। नगरपालिकाध्यक्ष शोभा यादव ने सुनंदा को एक दिन का नपाध्यक्ष बनाकर सम्मानित किया। नपाध्यक्ष यादव का कहना है कि शिक्षा के प्रति छात्रों की रुचि बढ़ाने के मकसद से उन्होंने सुनंदा को एक दिन का नपाध्यक्ष बनाया है। इससे बालक और बालिकाओं में अच्छा संदेश जाएगा। वहीं एक दिन का नपाध्यक्ष बनाए जाने से सुनंदा फूली नहीं समा पा रही है। वह कहती है कि यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा काम है।
जुलूस में स्वागत के समय सुनंदा हर किसी का अभिवादन कर रही थी और लोगों द्वारा किए जा रहे स्वागत से अभिभूत थी। जुलूस में खुली जीप में सुनंदा के साथ कई अन्य लोग भी सवार थे। जुलूस नपा कार्यालय पहुंचा तो वहां उसे शोभा यादव ने अध्यक्ष की कुर्सी सौंप दी। सुनंदा ने कुर्सी तो नपाध्यक्ष की संभाली मगर उसके पास कोई प्रशासनिक अधिकार नहीं थे, क्योंकि उन्हें अध्यक्ष बनाया जाना प्रतीकात्मक था।
नागदा के लोग इस बात से खुश हैं कि उनकी नपाध्यक्ष ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखा प्रयास किया है।