नई दिल्ली: चर्चित कथावाचक आसाराम को एक किशोरी से बलात्कार के अपराध में आज जोधपुर की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुये उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह घटना पांच साल पहले उनके आश्रम की है। एक साल के भीतर यह दूसरा मामला है जब किसी स्वयंभू बाबा को बलात्कार के जुर्म में अदालत ने दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी अदालत में आसाराम को बलात्कार का दोषी ठहराने और इस अपराध के लिये उन्हें उम्र कैद की सजास का फैसला सुनाया। 77 साल के आसाराम इसी जेल में चार साल से अधिक समय से बंद हैं।
यह फैसला ऐसे समय आया है जब यौन हिंसा विशेषकर नाबालिगों के बलात्कार के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर देश में बहस चल रही है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। फैसले के बाद पीड़िता के पिता ने कहा , ‘‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हमें खुशी है कि न्याय मिला। ’’उन्होंने कहा कि परिवार लगातार दहशत में जी रहा था और इसका उनके व्यापार पर भी काफी असर पड़ा।
सिर्फ ये दो मामले नहीं है इससे अलग भी मीडिया में आसाराम के खिलाफ नए-नए खुलासे होते रहे हैं। पुलिस जांच और मीडिया में सामने आई जानकारी के अनुसार आसाराम अपने आश्रम को अय्याशी के अड्डे के तौर पर इस्तेमाल करता था। आश्रम में कुछ ऐसे खास शब्दों का इस्तेमाल हुआ करता था जिन्हें सिर्फ आश्रम के लोग ही समझ पाते थे। बाहरी लोगों के लिए इन्हें समझना मुश्किल था। अपनी अय्याशी को पूरी करने के लिए आसाराम में कुछ कोर्डवर्ड रखे थे। ऐसे ही कुछ खास कोर्डवर्ड थे।
मीरा
मीडिया में सामने आई जानकारी के अनुसार सत्संग के दौरान अगर आसाराम किसी लड़की को मीरा नाम से पुकारते थे तो ये एक तरह का इशारा होता था कि सेवादार इस लड़की को आसाराम के लिए लाने की कोशिश करें।
जोगन
मीरा की तरह आसाराम किसी लड़की को अगर जोगन कहकर पुकारते थे तो ये भी एक तरह का इशारा होता कि सेवादार उसे आश्राम के सेवा करने के लिए तैयार करें।
काजू-बादाम
सिर्फ नाम नहीं प्रसाद बांटना भी एक खास तरह का कोड था। अगर आसाराम किसी लड़की को प्रसाद में काजू और बादाम देते थे। किसी लड़की को काजू बदाम देने इस बात का इशारा होता था कि लड़की आसाराम को पसंद आ गई है।
समर्पण
आसाराम को कोड वर्ड में समर्पण भी था। किसी लड़की को देखकर “समर्पण” बोलने का मतलब होता था लड़की को बाबा के लिए समर्पण करने के लिए तैयार करना।
एकांतवास
आसाराम जहां पर औरतों के साथ यौन संबंध बनाते थे उस जगह को एकांतवास के नाम से पूकारते थे। और अपने सेवादारों को कहते थे कि उस लड़की को एकांतवास में ध्यान में लाएं।
लेजर लाइट
अगर आसाराम किसी लड़की पर तीन बार लेजर लाइट मारता था तो उसके सेवादार समझ जाते थे उसके उस्ताद की क्या मंशा है। आसाराम के पूर्व सेवक ने इसका खुलासा किया है।