नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सैन्य मदद रोके जाने का दवाब पाकिस्तान पर साफ देखा जाता है। आतंकवाद पर ट्रंप की लताड़ के बाद पाकिस्तान ने शनिवार को मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन, जमात उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन समेत 72 संगठनों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। बता दें कि नए साल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर ‘ट्वीट बम’ फोड़ते हुए कहा पाकिस्तान की सैन्य मदद रोके जाने का ऐलान किया था। ट्रंप ने हा था कि पाकिस्तान जब तक अपने देश में फैले हुए आतंकी नेटवर्क पर लगाम नहीं लगाता यह रोक जारी रहेगी।
हाफिज के संगठन को मदद करना हुआ अपराध
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक खबर के मुताबिक पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने शनिवार को 72 ऐसे संगठनों को ब्लैकलिस्ट किया जो पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ काम कर रहे हैं। इनमें हाफिज सईद के दोनों संगठन भी शामिल हैं। पाकिस्तान सरकार ने इन सभी 72 संस्थाओं को किसी बी करफ की मदद देने वाले लोगों पर कार्रवाई की बात कही है। साथ ही इस्लामाबाद में हाफिज सईद के संगठन का झंडा फहराने वाले तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है।
पाकिस्तान सरकार ने किया कब्जे का ऐलान
इससे पहले सोमवार को दिन में अमेरिकी दबाव के बाद पाकिस्तान सरकार ने कहा कि वो हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को अपने नियंत्रण में लेने वाली है। पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय ने कानून मंत्रालय और सभी पांच प्रांतों की सरकारों को इस बारे में विस्तृत योजना बनाने को कहा है।
FATF संस्था में हाफिज की चैरिटी का नाम
मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ काम करने वाली संस्था ‘फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स इशूज’ ने 19 दिसंबर को डॉक्यूमेंट में जारी कर हाफिज सईद के दो चैरिटी संगठनों के नाम शामिल हैं। इस मामले को पाकिस्तान के गृह मंत्री ने कहा है कि अधिकारियों को देश में फंड इकट्ठा करने वाली चैरिटी पर नजर रखने और उन पर दबाव बनाकर उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।