वाशिंगटन। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के निदेशक माइक पॉम्पियो ने पाकिस्तान के नापाक चेहरे को बेनकाब कर दिया है। उन्होंने हाल में ही आतंकियों के चंगुल से छुड़ाए गए अमेरिकी-कनाडाई बंधक को लेकर इस्लामाबाद को कठघरे में खड़ा किया है। पॉम्पियो का कहना है कि दंपती को पांच वर्षो तक पाकिस्तान में ही रखा गया था।
पाकिस्तानी सेना ने 12 अक्टूबर को दावा किया था कि बंधकों को अफगानिस्तान से पाकिस्तान लाया गया था। अमेरिका से खुफिया सूचना मिलने पर विशेष अभियान चलाकर दोनों को आजाद करा लिया गया। पाक सेना की मानें तो आतंकियों ने अमेरिकी महिला कैटलान कोलमैन को उसके कनाडाई पति जोशुआ बोयले के साथ अफगानिस्तान में अगवा कर लिया था। लेकिन, सीआईए प्रमुख के बयान ने उनके झूठ को बेनकाब कर दिया है।
अमेरिकी थिंक टैंक फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसी के एक कार्यक्रम में पॉम्पियो ने गुरुवार को कहा, ‘दंपती को पांच वर्षो तक पाकिस्तान में ही रखा गया था। मेरी समझ में इतिहास में आतंकियों से मुकाबला करने में मदद करने को लेकर पाकिस्तान से अमेरिकी अपेक्षाएं बेहद निचले स्तर पर देखी जाएगी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप स्पष्ट शब्दों में कह चुके हैं कि तालिबान को वार्ता की मेज पर लाने के लिए जो भी संभव होगा वह किया जाएगा। ऐसे में पाकिस्तान में आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह कतई स्वीकार्य नहीं होगी। खुफिया सूचनाओं से सबकुछ स्पष्ट है।’
दंपती को रिहा कराने के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुफिया सूचनाओं को साझा करने के महत्व की बात कही थी। हालांकि, इस मामले में किसी आतंकी संगठन के नाम की घोषणा नहीं की गई थी, लेकिन अमेरिका इसके पीछे हक्कानी नेटवर्क का हाथ मानता है। अमेरिका लंबे समय से हक्कानी नेटवर्क और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के बीच गठजोड़ की बात कहता रहा है।