मथुरा। प्रेमानंद जी महाराज अपने प्रवचनों के जरिए लाखों श्रद्धालुओं को भक्ति, सत्य और ईश्वर के प्रति समर्पण का मार्ग दिखाते हैं। प्रेमानंद जी महाराज सरल और पवित्र व्यक्तित्व लाखों लोगों को लुभाता है। प्रेमानंद जी महाराज की कई वीडियो आएं दिन सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं। हाल ही में प्रेमानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन के जरिए ऐसी 8 बातें बताई हैं जिनका पालन करने से व्यक्ति धनवान बन सकता हैं। साथ ही भगवान व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। आइए जानते हैं कौनसी 12 बातों का ध्यान रखने से व्यक्ति भगवान को प्रसन्न कर सकता है और धनवान बन सकता है।
प्रेमानंद जी महाराज द्वारा धनी बनने के उपाय
1) प्रेमानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि धनी बनने की इच्छा सबकी होती है लेकिन, धनी बनने के लिए व्यक्ति शॉर्ट कट का सहारा लेने लगता है। लेकिन, शॉर्ट कट व्यक्ति को गलत रास्ते पर ले जाता है। अगर आपको धनी बनना है तो सबसे सरल उपाय है कि संतों की सेवा करें।
2) प्रेमानंद जी महाराज आगे कहते हैं संतों की जीभ से ही भगवान प्रसाद पाते हैं। संतों की यदि नियम पूर्वक, पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की जाएं तो भगवान बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं।
3) प्रेमानंद जी महाराज आगे कहते हैं कि संतों की सेवा के लिए सबसे बड़ा नियम यह है कि उनके प्रति मन में कोई गलत भाव न हों। यदि उनके पैर गंदे है या कोई कुष्ठ रोग उन्हें हो गया है तो भी उनकी सेवा पूरी श्रद्धा के साथ करनी चाहिए।
4) प्रेमानंद जी महाराज आगे कहते हैं जब आप संतों की सेवा करने जाएं तो हो सकता है उन्हीं में से कोई वेश धारण करके भगवान अपनी लीला दिखाने आ जाएं। इसलिए संतों के पैर में यदि कोई घाव आदि भी है तो उससे घृणा न करें बल्कि पूरे भाव से उनकी सेवा करें।
5) प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि जिन लोगों को संत चरणामृत मिलता है उन पर गुरुजनों की विशेष कृपा होती है। संतों की चरणामृत की रोजाना पूजा करके उनकी परिक्रमा करनी चाहिए।
6) प्रेमानंद जी महाराज आगे बताते हैं कि गुरु के वचनों पर व्यक्ति को पूरी निष्ठा होनी चाहिए। यदि आप भगवान के दर्शन करना चाहते हैं तो आप पर पहले गुरुजनों की कृपा होनी चाहिए।
7) प्रेमानंद जी महाराज आगे बताते है कि संत सेवा बहुत कठिन है। हो सकता है कि आप संत सेवा कर रहे हो और संत आपको डांट दें तब भी आपको चुप रहना चाहिए। हाथ जोड़कर जी जी करना चाहिए। क्योंकि भगवान आपके सामने किसी भी रूप में आकर आपकी परीक्षा ले सकते हैं।
8) महाराज जी की इन बातों का ध्यान रखकर व्यक्ति भगवान को प्रसन्न कर धनी बन सकता है। प्रेमानंद जी महाराज आगे कहते हैं कि व्यक्ति को मदिरापान का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही उपासक को चाहिए की साधु सेवा में भाव रखने के साथ साथ यदि कोई भूखा संत आपके दरवाजे पर आता हैह तो उसका भोजन जरुर दें। प्रेमानंद जी महाराज आगे कहते हैं कि यदि आपसे कोई धन मांगे तो उसे नहीं दें यदि आपको लगता है कि आपका धन किसी गलत काम में जाएगा तो बिल्कुल भी धन नहीं दें। यह दान बहुत सोच समझकर करें। क्योंकि, ऐसा होने से आपके पतन की संभावना हैं। साथ ही अगर कोई साधु जि
सको आप जानते हैं नहीं उसे घर के बाहर भी आप भोजन दे सकते हैं। यदि परिचित है तो आप घर में बुलाकर भोजन जरुर कराएं।