ग्वालियर। ग्वालियर में अब स्मार्ट सिटी के विकास के कार्य अब जल्द ही जनता के बीच दिखाई पडेंगे । इसी के तहत जल्द ही डिजीटल म्यूजियम और प्लेनेटोरियम का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उसे जनता के लिये समर्पित कर दिया जायेगा।  इस डिजीटल म्यूजियम में संगीत कला के साथ ही चित्रकला एवं ग्वालियर अंचल की अन्य विधाओं को शामिल किया जायेगा जिससे ग्वालियर अंचल के विभिन्न विधाओं के कलाकारों की विलुप्त प्राय: कला को संचित कर उसे जनता के बीच पहुंचाया जा सके। 

उक्त जानकारी आज पत्रकारों को देते हुए सीईओ स्मार्ट सिटी जयति सिंह ने बताया कि स्मार्ट सिटी द्वारा तैयार किया गया डिजीटल म्यूजियम  अगस्त अंत तक जनता के लिए शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि ग्वालियर अंचल आर्टस ऑफ डे लाइफ है। इसके तहत गैलरीज संगीत आदि की तैयार की गई है। जयति सिंह ने बताया कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा बनाया जा रहा संग्रहालय और तारामंडल परियोजना में संग्रहालय का कार्य अंतिम चरण में है और जल्द ही इस ग्वालियर की जनता को समर्पित कर दिया जायेगा।  श्रीमती सिंह ने बताया कि इस डिजीटल संग्रहालय में संगीत, चित्र कला, शिल्पकला, पारम्परिक परिधान आदि के विषय विशेषज्ञों बुद्धिजीवी, पत्रकार, इतिहासकार सहित समाज के विभिन्न वर्गो से राय और सुझाव लिये जा रहे है। ताकि शहर में बनने वाले डिजीटल म्यूजियम को भव्यता प्रदान की जा सके। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर संभाग की स्थानीय चितौरा कला, मधुमती कला तथा मृणुशिल्प जैसी कलाओं को प्रमुख रूप से इस संग्रहालय में प्रदर्शित किया जायेगा। ताकि विलुप्त हो रही इन कलाओं को पुर्नजीवित किया जा सके। यहां पर आकर पर्यटक 16 गैलरियों में सजे ग्वालियर के इतिहास, यंत्र, आभूषण, हस्तशिल्प और अन्य बातों को अत्याधुनिक आईटी उपकरणों का प्रयोग करके देख सकेंगे। इस संग्रहालय में वर्चुअल रियलटी का समावेश भी किया जायेगा जिसके द्वारा सैलानी इतिहास की किसी स्थल की वास्तविकता को महसूस कर सकेगे।  इसी के साथ खेल अन्य गतिविधियों को भी गति प्रदान की जा रही है।

सीईओ जयति सिंह ने बताया कि कलाकारों की कला को सोविनियर शॉप जिस पर उनके हेंडीक्राफ्ट के उत्पादों को बेचा जा सके और उसका लाभ कलाकार को मिल सके इसके भी प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही अन्य विभाग एएसआई के साथ विभिन्न गतिविधियोंं को सीमित बजट में किया जायेगा। सीईओ जयति  सिंह नें सभी से अपील की वह अपने क्षेत्र के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दे ताकि ग्वालियर और ग्वालियर के आसपास की कला-संस्कृति को इस संग्रहालय में शामिल करने के साथ साथ स्थानीय कलाकारों को भी ज्यादा से ज्यादा इस परियोजना से जोडा जा सके। ताकि स्थानीय कला और कलाकारो को एक पहचान मिल सके औऱ अन्य लोग उनके बारे में जान सके।उन्होंने बताया कि इस संग्रहालय में ग्वालियर की स्थापत्य शैली, वस्तुए परिधान, जीवनशैली, वाद्य यंत्र, आभूषण, हस्तशिल्प, सांस्कृतिक परंपरा, चित्रकारी सहित कई विधाओं को आधुनिक तरीके  से डिजिटली प्रदर्शित किया जायेगा। इस केंद्र को ग्वालियर के पर्यटन मानचित्र में एक अहम बिंदु के रूप में माना जा रहा है।

ग्वालियर व बुंदेलखंड संभाग में यह अपनी तरह का पहला केंद्र होगा तथा स्कूल के छात्रों को शिक्षित करने भी भूमिका निभाएगा। डिजीटल संग्रहालय और प्लेनेटोरियम प्रोजेक्ट की लागत लगभग 7 करोड रुपये है और इसे 3500 वर्गफीट एरिया में तैयार किया जा रहा है।सीईओ जयति सिंह ने बताया कि श्योपुर में काष्ठ कला को बढावा देने के लिए प्रयास किये जायेंगे। सीईओ जयति सिंह ने बताया कि ग्वालियर अंचल में हेरिटेज आधारित अन्य योजनाएं तैयार कर उसपर कार्य किया जायेगा। वहीं सेन्ट्रल लायब्रेरी की योजना को भी आगे पूरा किया जायेेगा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पढे हुये स्कूल गोरखी  स्कूल को विकसित करने के बारे में पूछे एक प्रश्र के उत्तर में सीईओ जयति सिंह ने बताया कि स्कूल की बिल्डिंग के लिये योजना तैयार कर बोर्ड मेंं फिर से रखकर उसे हाथ में लेकर विकसित किया जायेगा। इसके बाद स्वर्ण रेखा नदी योजना को भी विभिन्न स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से तैयार कर बेहतर रूप से विकसित किया जायेगा। 

उन्होंने बताया कि अब स्मार्ट सिटी के कार्य जल्दी ही मूर्त रूप लेते दिखाई देंगे । उसके लिये उन्होने स्वयं मॉनीटरिंग की व्यवस्था की है। स्मार्ट सिटी की अन्य परियोजनाओ की जानकारी देते हुये बताया कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा कई महत्वपूर्ण परियोजनाये जिनमें डिजीटल सेट्रल लाईब्रेरीए स्मार्ट वाँश रुम कैफेए प्लेग्राउंडए वेस्ट टू आर्टए सेल्फी पाँइट सहीत ऐसी कई परियोजनाये अपने अंतिम चरण में है जिनके पूर्ण होने पर शहर में जल्द ही परिवर्तन देखने को मिलेगा। वही उन्होने शहर के सभी वर्गो से अपील करते हुये कहाँ कि विकास के लिये प्रशासनिक व्यवस्था का दायित्व जितना महत्वपूर्ण है उतना ही समाज के हर वर्ग का भी योगदान रहता है दोनो के संयुक्त प्रयास और समन्वयन से ही विकास संभव हो पाता है। स्मार्ट सिटी का पूरा प्रयास रहेगा कि विकास के लिये सभी विभागो के साथ बेहतर तालमेल बनाकर समन्वय के साथ कार्य किया जाये।

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