भोपाल । प्रदेश के 29 हजार सहायक शिक्षकों को राज्य सरकार जल्द ही पदोन्नत कर शिक्षक और व्याख्याता बनाने की तैयारी कर रही है। ये शिक्षक पहले से क्रमोन्नत वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं, इसलिए इस फैसले से सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा। प्रदेश में 42 हजार सहायक शिक्षक हैं, जिनमें से 29 हजार पद उन्नत होने की पात्रता रखते हैं। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय शासन को प्रस्ताव भेज चुका है। फिलहाल मंत्रालय स्तर पर इस संबंध में फैसला लेने में देरी हो रही है।
उल्लेखनीय है कि अध्यापकों के संविलियन को लेकर कैबिनेट के फैसले के बाद सहायक शिक्षक नाराज हैं।इन शिक्षकों ने प्रदेशभर में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। 29 मई को 500 से ज्यादा शिक्षक स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी के बंगले पर पहुंच गए थे। राज्यमंत्री ने शिक्षकों को भरोसा दिलाकर लौटाया था कि सरकार उनके बारे में भी विचार कर रही है।
सूत्र बताते हैं कि लोक शिक्षण संचालनालय दो माह पहले सहायक शिक्षकों का पद उन्नत करने का प्रस्ताव भेज चुका है। पदोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने की वजह से सरकार इन शिक्षकों को सीधे तौर पर पदोन्नत नहीं कर सकती है, लेकिन जिस पद का वे वेतनमान ले रहे हैं, उसका पदनाम दे सकती है। सरकार भी यही करने जा रही है।
पात्रता के अनुसार उन्नत हो जाएगा पद
बताया जा रहा है कि जो सहायक शिक्षक स्नातक होने के साथ डीएड-बीएड की योग्यता रखते हैं, उन्हें शिक्षक (उच्च श्रेणी शिक्षक) पदनाम दिया जाएगा। जबकि पोस्ट ग्रेजुएट के साथ बीएड योग्यताधारी सहायक शिक्षक व्याख्याता की पात्रता रखते हैं। इन्हें सरकार व्याख्याता का पदनाम दे सकती है।
नाराजगी को कम करने की कोशिश
सहायक शिक्षकों की नाराजगी सामने आने के बाद सरकार इसे कम करने की कोशिश कर रही है। इसी कारण दो महीने से मंत्रालय में पड़े इस प्रस्ताव पर एक बार फिर चर्चा शुरू हुई है। हालांकि सारा दारोमदार सहायक शिक्षकों के संगठित रहने पर रहेगा। जानकार बताते हैं कि अध्यापकों को भी संगठित होने की वजह से ही संविलियन का तोहफा मिल पाया है।
विचार चल रहा है
मुख्यमंत्री सभी संवर्ग के कर्मचारियों की मांगों को पूरा कर रहे हैं। सभी को बेहतर से बेहतर देने की कोशिश की जा रही है। सहायक शिक्षकों ने अपनी मांग रखी है। इसे लेकर भी जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। सरकार स्तर पर इस संबंध में विचार कर रहे हैं – दीपक जोशी, राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग