मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता जाते ही पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य की मुश्किले बढ़ गई है। कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड मामले में आर्य को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि मामले की आगे की सुनवाई अब भोपाल कोर्ट में होगी। पहले ये मामला लहार में चल रहा था ।सीबीआई ने हाईकोर्ट में मामले को लेकर रिवीजन पिटिशन लगाई थी इसमें एक इंटरव्यू एप्लीकेशन दायर हुई थी।हाई कोर्ट ने इस संबंध में सीबीआई की याचिका का निराकरण कर दिया और अब आर्य के खिलाफ भोपाल कोर्ट में ट्रायल चलेगी।
दरअसल, हाई कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि पूरे मामले को भोपाल की स्पेशल कोर्ट में रैफर किया जाता है।अब तक जितनी भी ट्रायल हो चुकी है वह शून्य नहीं होगी। ट्रायल जहां हैं भोपाल की स्पेशल कोर्ट में वहीं से आगे बढ़ेगी। पूर्व में कोई वारंट जारी हुआ है तो वह भी यथावत रहेगा। इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है।हालांकि एप्लीकेशन में भी कहा गया था कि शासन ने सांसद, विधायकों के खिलाफ चल रहे प्रकरणों की सुनवाई के लिए भोपाल में एक स्पेशल कोर्ट गठित कर दी है। यह लहार या इंदौर के बजाए वहीं भेजना चाहिए। इस पर कोर्ट ने आदेश कर दिए। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद आर्य की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। चुंकी प्रदेश में अब कांग्रेस की सरकार है और मामला कांग्रेस नेता से जुड़ा हुआ है। कोर्ट के इस फैसले के बाद आर्य को अरेस्ट भी किया जा सकता है।
13 अप्रैल 2009 की रात 8.15 बजे कांग्रेस विधायक जाटव की लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी भागीरथ प्रसाद के प्रचार के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य पर यह आरोप था कि उन्होंने कहा था कि विधायक माखनलाल जाटव को गोली मार दो, जिंदा नहीं बच पाए। यह बयान गोहद विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड में प्रकरण की सुनवाई के दौरान प्रत्यक्षदर्शी बनवारीलाल जाटव ने दिए थे। माखनलाल के परिजनों ने लाल सिंह आर्य के खिलाफ कोर्ट में आवेदन दिया था ।फरियादी पक्ष ने कोर्ट में आवेदन देकर तत्कालीन मंत्री लालसिंह आर्य को आरोपित बनाने की गुहार लगाई थी।कोर्ट ने इस आवेदन को स्वीकारते हुए आर्य को आरोपित बनाते हुए उनका वारंट जारी कर दिया था। इस बीच मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई की जांच के पूरी होने के पहले ही मामले में भिंड की स्पेशल कोर्ट में कुछ आरोपितों के खिलाफ चालान भी पेश हो गया। बाद में यह पूरा मामला ही भिंड कोर्ट को रैफर कर दिया गया था। सीबीआई ने इस मामले में जांच पूरी कर ली थी। कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।