आधार की कानूनी वैधता को लेकर उठने वालों सवालों के बीच केंद्र सरकार अब ड्राइविंग लाइसेंस को भी आधार से जोड़ने की तैयारी कर रही है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देहरादून में कहा कि उन्होंने इस बारे में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी बात की है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस को आधार के साथ जोड़ने से सड़क हादसे करके भागने वालों को पकड़ा जा सकेगा. साथ ही शराब पीकर गाड़ी चलाकर भागने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि कोई शख्स अपना नाम बदल सकता है लेकिन फिंगरप्रिंट नहीं बदल सकता.
इससे पहले सिंतबर में भी कानून मंत्री ने कहा था कि सरकार ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से जोड़ने पर विचार कर रही है. मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने कल्याणकारी योजनाओं के साथ आधार को लिंक करने की समय सीमा अनिश्चितकाल के लिए आगे बढ़ाने का आदेश दिया था. कोर्ट के सामने आधार की कानून वैधता को चुनौती देने के लिए कई याचिकाएं भी दायर की गई हैं, जिनकी सुनवाई जारी है.
मोदी सरकार ने जून 2017 में नया नियम लाकर करल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया था. बैंक खातों को आधार से जोड़ने के लिए 31 दिसंबर तक की समयसीमा तक की गई थी इसके बाद तारीख को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया था.
सरकार ने यह भी साफ किया था कि आधार कार्ड को मोबाइल नंबर, बैंक खाते समेत अन्य कई सरकारी योजनाओं से लिंक करना अनिवार्य जरूर है, लेकिन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का फायदा उठाने के लिए आधार की गैरमौजूदगी में किसी और पहचान पत्र का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
ऐसी स्थिति में आप वोटर आईडी कार्ड समेत अन्य दस्तावेज भी दिखा सकते हैं. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि आधार न होने की वजह से किसी को भी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित नहीं किया जा रहा है.