भोपाल। प्रदेश के सभी 378 नगरीय निकायों को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित कर दिया गया है। इसके लिए शासन प्रशासन ने प्रदेशभर की तमाम शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 4 लाख 78 हजार शौचालयों का निर्माण कराया था। वहीं प्रदेश में शासन द्वारा बनवाएं गए शौचालयों की वर्तमान स्थिति और मानिटरिंग के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने अनोखा तरीका निकाला है।

दरअसल, जिन हितग्राहियों के लिए शौचालय निर्माण किया गया है उनके आधार कार्ड नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सभी नगरीय निकायों से मांगे हैं। आदेश के बाद कई निकायों ने आधार कार्ड की जानकारी भी विभाग

को दे दी है। जानकारी के अनुसार आधार कार्ड की जानकारी मिलने के बाद विभाग निर्माण की गुणवत्ता की मिली

शिकायतें और वर्तमान स्थिति के विषय में जानकारी जुटाएगा।

विभाग को शिकायत मिली है कि कई हितग्राहियों ने बिना किसी सूचना के शासन द्वारा बनवाए गए शौचालयों का स्थान परिवर्तन कर दिया है। कई ग्रामीणों द्वारा शौचालयों का उपयोग नहीं किया जा रहा है। कई निकायों में वास्तविक हितग्राहियों को शौचालय की सुविधा ही नहीं मिली। अब विभाग आधार कार्ड डेटा के आधार पर मानिटरिंग कर वास्तविक हितग्राहियों की जानकारी भी जुटाएगा।

प्रक्रिया लगभग पूरी

स्वच्छ भारत मिशन के डिप्टी डायरेक्टर नीलेश दुबे ने बताया कि कई निकायों ने आधार कार्ड की जानकारी विभाग को दी है। 4 लाख 78 हजार में से सिर्फ 1 लाख 50 हजार लोगों के आधार कार्ड आना बाकी है। जल्द ही प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

यह होंगे फायदे

– अपात्रों की होगी पहचान

– वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलेंगी

– निर्माण गुणवत्ता की भी मिल सकेगी जानकारी

स्वत: होगा हितग्राहियों का सर्वे।

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