ग्वालियर। मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) द्वारा रविवार को शहर में 50 सेंटर्स पर राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा कराई गई। हर सेंटर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच परीक्षा संपन्न हुई। प्रशासनिक अफसर बनने के लिए हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में शामिल होने अलग-अलग सेंटर्स पर पहुंचे।
एमपी पीएससी परीक्षा के तहत पहला पेपर सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक कराया गया। परीक्षा में 23 हजार आवेदकों को शामिल होना था, लेकिन इनमें से लगभग बीस फीसदी परीक्षार्थी पहले पेपर में अनुपस्थित रहे। शहर के प्रत्येक सेंटर पर परीक्षार्थियों को परीक्षा से आधा घंटा पहले यानि सुबह 9.30 बजे बुलाया गया था। कड़ी तलाशी के बाद ही सेंटर के अंदर प्रवेश दिया गया। दस बजे के बाद पहुंचे छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसे कई छात्रों को निराश होकर लौटना पड़ा। पीएससी की परीक्षा के तहत दूसरा पेपर दोपहर 1.15 बजे से शाम 4.15 बजे तक कराया गया। हर सेंटर पर प्रशासन के अफसर निरीक्षण करते रहे।

पीएससी परीक्षा में कोई भी शरारती तत्व व्यवधान पैदा न कर सकें, शांतिपूवर्क परीक्षा हो इसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने हर सेंटर पर सुबह से ही धारा 144 लागू लगा दी थी। 200 मीटर के दायरे में समूह में व्यक्तियों के आने-जाने पर प्रतिबंध रहा।

पीएससी ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे कि परीक्षा में जूते-मौजे पहनना प्रतिबंधित रहेंगे। सिर्फ चप्पल और सेंडल ही पहनकर परीक्षार्थी आएं। इसके बाद हर सेंटर पर ऐसे छात्र पहुंचे जो जूते और मौजे पहने हुए थे। इनके मौजे व जूते परीक्षा कक्षों से बाहर ही उतवाए दिए गए। इसके अलावा छात्र-छात्राओं से एसेसरीज जैसे बालों को बांधने के क्लचर, बक्कल, घड़ी, हाथ में पहनने वाले बैंड, कमर में पहनने वाले बेल्ट, धूप के चश्मे, पर्स, वॉलेट, टोपी भी बाहर ही उतवाए गए।

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