उपचुनाव में भाजपा की तो शानदार वापसी हुई है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने ही गढ़ में कमजोर भी साबित हुए हैं। ग्वालियर चंबल में सिंधिया के प्रभाव वाली तेरह सीटों में से महज छह पर ही भाजपा जीत हासिल कर सकी है। इतना ही नहीं चुनाव मैदान में उतरे छह मंत्रियों में से तीन को तगड़ी हार भी झेलना पड़ी है। वहीं कुछ सीटों पर तो जीत का अंतर भी काफी कम रहा है। यहां बसपा प्रत्याशियों के दम भरने से भाजपा प्रत्याशी को संजीवनी मिली है।
उपचुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल की तेरह सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों का पूरा फोकस रहा था। भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य दिग्गजों ने सभाएं और रोड शो की थी। वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, सचिन पायलट ने सभा और रैली की थी तो वहीं दूसरी पंक्तिं के नेताओं ने तो अंचल में कैंप भी किया था। इन तेरह सीटों में से कुछ सीटों पर मुकाबला भी काफी रोचक रहा है। भांडेर सीट पर भाजपा की रक्षा सिरोनिया और कांग्रेस के फूल सिंह बरैया के बीच मुकाबला बेहद नजदीकी रहा था। यहां भाजपा प्रत्याशी की सबसे छोटी १६१ मतों से जीत हुई है। इसमें खास बात यह है कि यह तेरह सीटें सिंधिया के प्रभाव वाली मानी जाती हैं। इनमें से सात सीटों पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है। खासतौर पर अंचल की तीन सीटों पर मंत्रियों के चुनाव हारने से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। अंचल के चुनाव नतीजों से साफ है कि कहीं न कहीं सिंधिया अपने ही गढ़ में कमजोर साबित हुए हैं।
ग्वालियर चंबल में सिंधिया समर्थक तीन मंत्रियों की हार से सरकार में अंचल का प्रतिनिधित्व घट गया है। ऐसे में नये सिरे से शिवराज केबिनेट में मंत्री पद पाने की दौड़ शुरू होगी। मुरैना की जौरा सीट से भाजपा के सूबेदार सिंह रजौधा सबसे आगे हैं। क्योंकि मुरैना से एक भी मंत्री नहीं रह गया है। सूबेदार सिंह रजौधा शिवराज के सबसे नजदीकी हैं। उनके लिए सीएम से जौरा सीट पर पांच सभाएं की थी। इस रेस में दूसरा नाम अंबाह से जीते भाजपा प्रत्याशी कमलेश जाटव का है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस सीट पूरी ताकत लगा दी थी। सिंधिया के गृह नगर ग्वालियर में इस मामले में तगड़ा झटका लगा है। मंत्री इमरती देवी हार गई हैं और अब जिले में प्रद्युम्न सिंह तोमर और भारत सिंह कुशवाह पहले से मंत्री हैं। इनके अलावा सभी चार सीटों पर कांग्रेस काबिज है। ऐसे में निगाहें सिंधिया कोटे पर भी टिक गई हैं। क्योंकि गुना-शिवपुरी और दतिया से सरकार में पहले से ही एक-एक मंत्री हैं।