भोपाल। मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान की पहल पर लॉकडाउन की अवधि में अनेक श्रमिकों की दूसरे प्रदेशों से मध्यप्रदेश वापसी का सिलसिला लगातार जारी है। अपने घर वापस आ रहे श्रमिकों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उन्हें विभिन्न जिलों में बसों के माध्यम से पहुँचाने की व्यवस्था की जा रही है। इस दौरान श्रमिकों को स्वल्पाहार के साथ भोजन/पानी की व्यवस्था के लिये जिला प्रशासन पूरी जिम्मेदारी के साथ दायित्व निभा रहा है।

शुक्रवार को विदिशा में केरल राज्य के कुचिकोड़ी से आई ट्रेन में 35 जिलों के 1135 श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कर मास्क वितरण किया गया। इसी प्रकार महाराष्ट्र से आयी ट्रेन में 1256 श्रमिकों की वापसी हुई। उन्हें स्वल्पाहार करा कर भोजन की व्यवस्था के बाद गंतव्य जिलों की बसों में बैठाकर रवाना किया गया।

केरल के कोझीकोड से रवाना हुई ट्रेन में बैठकर आये मुरैना जिले के कोलारस गाँव के  देवेन्द्र धाकड़ और उनकी पत्नी मती हेमलता धाकड़ का कहना है कि लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थिति में मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने जो व्यवस्थाएँ की हैं, ऐसी व्यवस्था हम टिकिट लेकर आते, तो भी नहीं हो पाती।  धाकड़ मलपुरम में मार्बल का काम करते थे। पिछले 2 माह से कम्पनी बंद हो जाने के कारण उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा। साथ ही, उन्हें उनकी गर्भवती पत्नी की चिंता सता रही थी। अब वे अपने प्रदेश वापस लौट कर घर जाने की खुशी का इजहार करते हुए कहते हैं कि मुख्यमंत्री  चौहान के हम हमेशा ऋणी रहेंगे।

सतना जिले के नागौद तहसील के निवासी  मुरारीलाल वर्मन का कहना है कि पुणे की कम्पनी में रिज्यूम के आधार पर रोजगार के लिये बुलाया था। लेकिन दूसरे दिन ही लॉकडाउन हो गया। इस विपरीत परिस्थिति में प्रदेश सरकार की पहल पर विदिशा तक सुरक्षित पहुँचकर वे खुश हैं।  वर्मन का कहना है कि गाँव तक पहुँचने के लिये फ्री बस सुविधा मिलना निश्चित ही संकट की घड़ी में सुखद एवं लाभदायक है। मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने मसीहा की भूमिका अदा कर परिवार वालों से पुन: मिलने की आस जगा दी है। वे मुख्यमंत्री  चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि संकट की इस घड़ी में भी हमारा ध्यान रखा। हमें अपने मुख्यमंत्री पर गर्व है।

मध्यप्रदेश के 24 जिलों के 1223 श्रमिकों को लेकर ओरंगाबाद महाराष्ट्र से रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज रेलवे स्टेशन पहुँची ट्रेन में श्रमिकों के चेहरे खुशी से खिल उठे थे। जिला प्रशासन द्वारा भोज्य पदार्थों की व्यवस्था और स्वास्थ्य परीक्षण के बाद श्रमिकों को वाहनों के माध्यम से उनके गृह जिलों को रवाना किया गया। श्रमिक परसराम, सुरेश, बृजपाल, गौतम सिंह, क्रांति सहित अन्य श्रमिकों का कहना था कि वह लगभग डेढ़ माह से ओरंगाबाद में फँसे थे। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री  चौहान ने हमें सकुशल अपने प्रदेश वापस बुलाकर हमें बचाया है। अपने घर लौटने की खुशी और पिछले डेढ़ माह की पीड़ा को वे बयां नहीं कर पा रहे थे। श्रमिकों को बसों में उनके घर पहुँचाने के पहले सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए साबुन, डिटॉल, हेण्ड-ग्लब्स, राशन-किट सहित अन्य आवश्यक सामग्री का प्रदाय भी जिला प्रशासन द्वारा मुहैया करवाया गया।

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