समाजसेवी अन्ना हजारे शुक्रवार से एक बार फिर अनशन की राह पर हैं. अन्ना रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं. हालांकि उनकी प्रमुख मांगों में अभी भी लोकपाल विधेयक को पारित कराना शामिल है. लेकिन इसके अलावा भी वो 6 अन्य मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं. अन्ना से हड़ताल से पहले कहा कि, ‘मैंने सरकार को 42 बार पत्र लिखा. मगर सरकार ने नहीं सुनी. अंत में मुझे अनशन पर बैठना पड़ा.’
सरकार का धूर्त रवैया सही नहीं: अन्ना
अन्ना हजारे ने अनशन की शुरुआत से पहले केंद्र सरकार को संबोधित करते हुए कहा- ‘प्रदर्शनकारियों को दिल्ली लेकर आ रही ट्रेन आपने कैंसिल कर दी. आप उन्हें हिंसा की ओर धकेलना चाहते हैं. मेरे लिए भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. मैं कई पत्र लिखे और कहा था कि मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए. आपकी सुरक्षा मुझे बचा नहीं सकती. सरकार का धूर्त रवैया सही नहीं है.’
सांसदों की सैलरी क्यों बढ़नी चाहिए: अन्ना हजारे
सांसदों की सैलरी बढ़ाने पर अन्ना हजारे ने कहा, उनकी सैलरी क्यों बढ़नी चाहिए? वो जनसेवक हैं. वो संसद में काम भी नहीं करते. संसद की कार्यवाही में केवल व्यवधान पैदा करते हैं. मैं भी सरकारी कर्मचारी रहा हूं, लेकिन कभी किसी सुविधा की मांग नहीं की. क्योंकि मैं लोगों की सेवा कर रहा था. ये सैलरी का पैसा किसानों को मिलना चाहिए.
बता दें, अन्ना हजारे लोकपाल विधेयक को पारित कराने की मांग लंगे समय से करते रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने 2011 में रामलीला मैदान में ही भूख हड़ताल भी की थी. इस दौरान उनके साथ अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, कुमार विश्वास और मनीष सिसोदिया जैसे साथी थे. हालांकि अभ तब इनके इस अनशन में शामिल होने की सूचना नहीं है. अन्ना कहना है कि इस बार का अनशन 2011 से भी बड़ा होगा.
कौन हैं अन्ना के नए साथी
इस बार अन्ना हजारे के साथ नए साथी जुड़ चुके हैं. इस अनशन में अन्ना के संरक्षक दत्ता अवारी, पंकज काल्की और दिल्ली से सुनील लाल का नाम मुख्य रूप से शामिल है.