ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व में किये गये एक अंतरराष्ट्रीय शोध में पाया गया है कि जिन लोगों की नींद अनियमित होती है उन लोगों में हृदय संबंधी बड़ी समस्याओं का खतरा अधिक होता है।
जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ में ऑनलाइन प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया कि अनियमित नींद और जागने के चक्र के कारण हृदय संबंधी रोगों का खतरा 26 प्रतिशत अधिक होता है।
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय और मोनाश विश्वविद्यालय, अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय और कनाडा के ओटावा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यूनाइटेड किंगडम बायोबैंक के चल रहे अध्ययन में भाग लेने वाले 40-79 आयु वर्ग के 72 हजार 269 लोगों के डेटा का विश्लेषण किया।

71.6 से कम स्कोर वाले लोगों को अनियमित नींद
इन प्रतिभागियों में से किसी को भी एमएसीई का कोई पुराना इतिहास नहीं रहा। इन्होंने अपनी नींद को रिकॉर्ड करने के लिए सात दिनों तक एक गतिविधि ट्रैकर पहना था। ट्रैकर्स के डेटा का उपयोग प्रत्येक प्रतिभागी के स्लीप रेग्युलरिटी इंडेक्स (एसआरआई) स्कोर की गणना करने के लिए किया गया था।
जिन लोगों में एसआरआई स्कोर 87.3 से अधिक है उन लोगों को नियमित नींद वाला माना जाता है , जबकि 71.6 से कम स्कोर वाले लोगों को अनियमित नींद वाला माना जाता है। इसमे 71.6 और 87.3 के बीच स्कोर वाले लोगों को मध्यम अनियमित नींद वालों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

पीड़ित होने की संभावना 26 प्रतिशत अधिक पाई गई
इन प्रतिभागियों के बीच अगले आठ वर्षों में हृदय संबंधी मृत्यु, दिल का दौरा, दिल की विफलता और स्ट्रोक के मामलें रिकॉर्ड पर लिये गये।
उम्र, व्यायाम के स्तर, दवा के उपयोग और आहार जैसे संभावित प्रभावशाली कारकों को ध्यान में रखने के बाद अनियमित नींद लेने वालों में नियमित नींद लेने वालों की तुलना में एमएसीई से पीड़ित होने की संभावना 26 प्रतिशत अधिक पाई गई।
नियमित रूप से सोने वालों की तुलना में मध्यम रूप से अनियमित नींद लेने वालों में हृदय संबंधी बड़ी समस्याएं होने की आशंका 8 प्रतिशत अधिक थी। उच्चतम एसआरआई स्कोर वाले प्रतिभागियों में जोखिम का स्तर सबसे कम है।