ग्वालियर। अतिवृष्टि व भारी बरसात के कारण किसानों की फसलें बर्बाद होने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा हर गांव में नुकसान का सर्वे नहीं कराने के कारण जहां किसान आत्म हत्यायें कर रहे हैं वहीं आधा दर्जन किसानों की सदमे के कारण मौतें हुई है। भिण्ड जिले के दो अलग-अलग गांवों में एक किसान ने आत्म हत्या कर ली तथा एक किसान की सदमे से मौत हो गई।
भिण्ड जिले के गोहद विकास खण्ड के चंदोखर गांव निवासी किसान मंशाराम माहौर 55 वर्ष की फसल ओलावृष्टि के दौरान बर्बाद हो गई थी उसके बाद भी सर्वे सूची में उसका नाम नहीं था जिस कारण वह सदमे में था। मृतक किसान मंशाराम के पुत्र रंजीत माहौर सहित गांव के लोगों ने गोहद के एसडीएम उमा करारे को एक पंचनामा बनाकर दिया है जिसमें कहा गया है कि मंशाराम का 20 सदस्यीय परिवार है उसके भरण-पोषण की जिम्मेदारी परिवार का मुखिया होने के कारण उसके ऊपर ही थी। फसल बर्बाद के बाद भी उसका सर्वे सूची में नाम नहीं था। किसान मंशाराम के पास खुद की साढे तीन बीघा जमीन थी। उसने गांव के ही जगराम सिंह तोमर की 7 बीघा तथा मुरारी सिंह तोमर की 5 बीघा जमीन किराए पर ली थी। किसान मंशाराम ने साढे पन्द्रह बीघा जमीन में गेंहूॅ की फसल बोई थी। ओलावृष्टि से उसकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी। किसान के ऊपर सैन्ट्रल बैंक का 44 हजार रुपए का कर्जा भी था। इन सभी परेशानियों की वजह से वह सदमे में था।
गोहद एसडीएम उमा करारे ने बताया कि किसान मंशाराम की फसल बर्बाद होने के बाद भी उसका नाम नुकसान सर्वे सूची में कैसे नहीं आया इसकी जांच कराई जा रही है।
भिण्ड जिले के फूप थाना क्षेत्र के ग्राम अहेंती निवासी किसान रक्षपाल सिंह का शव फांसी के फंदे में लटका मिला है। मृतक किसान के भाई शिशुपाल सिंह का कहना है कि उसके पास 35 बीघा जमीन में गेंहूॅ की फसल बोई थी, जिसमें से 25 बीघा की फसल अतिवृष्टि से बर्बाद हो गई। मुआवजा के रुप में उसे आर्थिक सहायता मिलने की उम्मीद नजर नहीं आने से वह काफी परेशान थे।
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस चन्द्रभान सिंह तोमर ने बताया किसान के शव का मेडीकल परीक्षण कराया गया है किसान ने आत्म हत्या के कारणों की जांच की जा रही है।
भिण्ड जिले में किसानों की मौतों का सिलसिला अनवरत जारी है। अभी तक एक दर्जन किसानों की मौतें हुई है जिसमें 6 किसानों की सदमे तथा 6 किसानों ने फांसी लगाकर आत्म हत्या की है।