चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे खनिजों से भरपूर तिब्बत क्षेत्र में बड़े पैमाने पर की जा रही सोने की खुदाई का बचाव किया है। चीन ने कहा, यहां भू-वैज्ञानिक गतिविधियां चलाना उसका संप्रभु अधिकार है।
हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट’ ने खबर दी थी कि चीन लुनजे काउंटी में बड़े पैमाने पर सोने, चांदी और दूसरे कीमती खनिजों की खुदाई कर रहा है। इनकी कीमत करीब 60 अरब डॉलर है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने इस रिपोर्ट पर कहा, मैंने भी इस रिपोर्ट के बारे में सुना है। इसमें जिस क्षेत्र का जिक्र किया गया है, वह चीन का है।
चीन नियमित तौर पर वहां भूवैज्ञानिक और वैज्ञानिक अनुसंधान करता रहता है। यह पूरी तरह चीनी संप्रभुता के दायरे में आता है। चीन ने हमेशा पर्यावरण पारिस्थितिकी के संरक्षण को महत्व दिया है। इस तरह की रिपोर्ट का कोई जमीनी आधार नहीं है।
भारत और चीन 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन इस इलाके में तेजी से आधारभूत ढांचा विकसित कर रहा है। इसका उद्देश्य एक और दक्षिण चीन सागर जैसी स्थिति पैदा करना है। लू ने कहा, भारत-चीन सीमा को लेकर बीजिंग का रुख एक जैसा और साफ है। चीन तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता।