भोपाल।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारे सिर से पितृतुल्य ऐसे व्यक्तित्व का साया उठ गया, जिसने हमेशा चुनौतियों से लड़ने का साहस दिया, नई राह दिखाई। आज एक राजनीतिक युग का अंत हो गया।

सीएम ने कहा कि मैं परम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हम सब के लिए ये दुखदायी क्षण है।

शिवराज ने कहा कि जिनके शब्द हमारी शक्ति हैं, आशीर्वाद हमारी ऊर्जा, जिनकी प्रेरणा हमें देश सेवा के लिए समर्पित करें, ऐसे आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के चरणों में बारंबार प्रणाम। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्वास्थ्य खराब होने के बाद एम्स में इलाज चल रहा था। इस दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार की अपनी जनआशीर्वाद यात्रा को स्थगित कर दिया। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि अटलजी की उपस्थिति मात्र से हमको हौसला मिलता था।अटलजी की कविताओं से सभी को प्रेरणा मिलती है। स्वतंत्रता दिवस पर उनकी कविता का उल्लेख किया था। सीएम शिवराज ने कहा कि विदिशा से चुनाव लड़ने के दौरान मैं उनके करीब आया था। जब भी उनसे मिलता था तो वे मुझे विदिशापति कहते थे।

अपनी श्रद्धांजलि में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा कि देश में ही नहीं, दुनिया में अटलजी की पहचान कुशल राजनीतिज्ञ, दक्ष प्रशासक, प्रखर वक्ता के रूप में होती थी। उनके निधन से बड़ा शून्य उत्पन्न् हुआ है।

सर्वमान्य नेता थे अटलजी

वे दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देश के सर्वमान्य नेता थे। उनका सभी दलों के नेता दिल से सम्मान करते थे। उनकी उपस्थिति हम जैसे अनेक लोग जो राजनीति और सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं का मार्गदर्शन करती थी। अटलजी सदैव हमारे परिवार का एक हिस्सा रहे।

– अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष, मप्र विधानसभा

नेता प्रतिपक्ष का काम विरोध करना है, नफरत करना नहीं

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता विक्रम वर्मा ने बताया कि ‘जब मुझे मप्र का नेता प्रतिपक्ष बनाया गया तो मैं अटलजी का आशीर्वाद लेने गया। उन्होंने मुझसे कहा कि नेता प्रतिपक्ष का कर्तव्य है कि वह नीतिगत मुद्दों पर सरकार का विरोध करे और जरूरत पड़ने पर प्रदेश की जनता के हित में सरकार के साथ भी खड़ा हो। अटलजी ने मुझसे कहा था कि हम नफरत पैदा न करें। नेता प्रतिपक्ष का काम विरोध करना है। राजनीति में व्यक्तिगत संबंधों और मर्यादा का ख्याल रखें।”

जिह्वा पर मां सरस्वती विराजमान थीं

अटलजी का निधन भारतीय राजनीति के लिए गहरी क्षति है। आज भारत ने एक सच्चा सपूत खो दिया। उनका व्यक्तित्व ऐसा था, जिनका सभी लोग सम्मान करते थे। पं. नेहरू से लेकर सोनिया गांधी तक अटलजी का बहुत सम्मान करते थे। उनकी जिह्वा पर मां सरस्वती विराजमान थीं। भाषण शैली इतनी सुंदर हुआ करती थी कि कटु से कटु आलोचना करते हुए भी वे किसी को अपमानित नहीं करते थे। मुझ पर उनकी विशेष कृपा रही। यह देश का दुर्भाग्य है कि जब देश को उनकी सबसे ज्यादा आवश्यकता रही, तब उनकी तबीयत ठीक नहीं रही। उन्होंने हमेशा राजधर्म का पालन किया और राजधर्म का पालन करने की सीख दी, वे सही मायने में जननेता थे।

-दिग्विजय सिंह पूर्व मुख्यमंत्री

सिंधिया ने सभा समाप्त की, दिल्ली रवाना

रायसेन के गैरतगंज में सभा को संबोधित कर रहे सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को जैसे ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन का समाचार मिला, उन्होंने सभा समाप्त कर दी और वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि अटलजी का जाना उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। उन जैसे जननेता का जाना विश्व राजनीतिक पटल से दैदीप्यमान नक्षत्र का प्रस्थान है। सिंधिया ने गुना का तीन दिनी दौरा रद्द कर दिया है और वे रात में ही दिल्ली रवाना हो गए ।

उन जैसा दूसरा राजनेता नहीं

मैंने उनके साथ खूब दौरे किए, उन्हें हर क्षेत्र की जानकारी रहती थी। राजनीति में ऐसा दूसरा व्यक्ति मिलना मुश्किल है। स्वास्थ्य संबंधी कारणों से जब मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय उन्हें बताया तो उन्होंने इतना ही कहा कि स्वास्थ्य जल्दी ठीक करो। निश्छलता और उदारता उनका स्वभाव था। एक बार धार अंचल में महुए का पेड़ देखकर वह ठिठक गए। मैंने कहा कि इससे शराब भी बनती है, उन्होंने चखकर देखा और बोले बहुत बढ़िया। अभी पोते की शादी का निमंत्रण देने उनसे मिलने गया था।

– कैलाश जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री

बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी अटलजी, हमेशा सत्य बोलते थे। छोटे से छोटे कार्यकर्ता से सहज संवाद रखा।

बाबूलाल गौर, वरिष्‍ठ भाजपा नेता

विराट व्यक्तित्व के धनी

मैं उनके साथ 13 दिन की सरकार में मंत्री रहा। वह विराट व्यक्तित्व के धनी थे, मेरा चुनावी टिकट उन्होंने ही फाइनल किया था। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिवंगत अर्जुन सिंह होशंगाबाद चुनाव लड़ने आए थे, तब पार्टी मुझे टिकट देने के नाम पर धर्मसंकट में थी। आडवाणीजी और ठाकरेजी भी पसोपेश में थे, लेकिन जब मैंने अटलजी को भरोसा दिलाया तो वह मान गए। नतीजा आने के बाद बोले कि मुझे बिल्कुल भरोसा नहीं था।

– सरताज सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता

अटलजी ने शुचिता, सद्भाव और मैत्री के गुणों की स्थापना की

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर विधानसभा अध्यक्ष और प्रदेश के मंत्रियों ने भी शोक व्यक्त किया है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा कि देश में ही नहीं, दुनिया में अटलजी की पहचान कुशल राजनीतिज्ञ, दक्ष प्रशासक, प्रखर वक्ता के रूप में होती थी। उनके निधन से बड़ा शून्य उत्पन्न् हुआ है।

विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि वाजपेयी की व्यापक दृष्टि और सोच थी। देश ने एक युगदृष्टा खो दिया है। जल संसाधन और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने शोक संदेश में कहा कि भारतीय राजनीति में अटलजी ने शुचिता, सद्भाव, मैत्री और सामंजस्य के गुणों और मूल्यों की स्थापना की।

गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अटलजी सर्वमान्य नेता थे। वे सही अर्थों में लोकतांत्रिक मूल्यों के मर्यादा पुरुष थे। उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि अटलजी राजनीति के भीष्म पितामह थे। उन्होंने राष्ट्रवादी मूल्यों को स्थापित किया। राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, ऊर्जा मंत्री पारस जैन और तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी ने भी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

अटलजी के निधन पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि अपने सर्वग्राही और सर्वस्पर्शी व्यवहार से न सिर्फ भारत में बल्कि देश की सीमाओं से पूरे विश्व में अपना एक आदरणीय स्थान बनाया था। संगठन महामंत्री सुहास भगत ने कहा कि अटलजी के रूप में हमने एक आदर्श स्वयंसेवक और कुशल संगठक को खो दिया है। अटलजी ने कभी भी मूल्यों से समझौता नहीं किया। विचार की दृढ़ता के कारण सरकार को भी तिलांजलि देने में उन्होंने हिचक नहीं की।

एक युग समाप्‍त

मध्‍यप्रदेश कांग्रेस के अध्‍यक्ष और सांसद कमलनाथ ने अपनी श्रद्धांजलि में कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री,स्वच्छ राजनीति व आदर्श मूल्यों के परियाचक,निर्विवाद छवि,लोकतांत्रिक मूल्यों व सिद्धांतों के पक्षधर,प्रखर वक़्ता अटल बिहारी वाजपेयी का दुःखद निधन राजनैतिक क्षेत्र की एक ऐसी क्षति है,जो अपूरणीय है। राजनीति का एक युग समाप्त हो गया।

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