ग्वालियर । कौशल उन्नयन प्रशिक्षण प्राप्त युवा सरकारी एवं निजी क्षेत्र में नौकरी के साथ-साथ सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं। मगर यह सब तभी अर्जित किया जा सकता है, जब आपके पास अच्छा हुनर व तकनीक हो। यह बात कलेक्टर राहुल जैन ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा ग्वालियर क्षेत्र में भी हुनरमंदों के लिये रोजगार व स्वरोजगार की तमाम संभावनायें हैं।
इस अवसर पर संत कृपाल सिंह तथा जीडी लड्डा, पारस जैन, अशोक बांदिल, जिला रोजगार अधिकारी श्रीमती प्रियंका कुलश्रेष्ठ तथा संस्था के संचालक मनोज चौरसिया व रमेश चौरसिया सहित संस्था के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। शुक्रवार को यहाँ राजीव प्लाजा में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त युवक-युवतियों के लिये प्रमाण-पत्र वितरण समारोह एवं रोजगार मेला आयोजित किया गया। रोजगार मेले में कार्वी, पेटीएम, काव्या, जीव्हीआर एवं अन्य कंपनियों द्वारा लगभग 200 प्रशिक्षणार्थियों का प्लेसमेंट किया गया। साथ ही प्रतीक इंस्टीट्यूट ऑफ इर्न्फोमेशन टेक्नोलॉजी द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत विभिन्न सेक्टर में प्रशिक्षित किए गए 240 युवक-युवतियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। इन युवाओं ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत मोबाइल फोन हार्डवेयर रिपेयर टैक्नीशियन व फील्ड टैक्नीशियन, कम्प्यूटर एण्ड पेरीफेरल, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव (टैलीकॉम कॉल सेंटर), जीएसटी अकाउण्ट असिस्टेंट व हैंडसेट रिपेयर इंजीनियर का प्रशिक्षण लिया है।
कलेक्टर ने प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं से कहा कि वे बैंकों के माध्यम से सरकार की मुद्रा योजना, स्टेण्डप, मुख्यमंत्री स्वरोजगार व मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना इत्यादि के तहत ऋण अनुदान प्राप्त कर अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ग्वालियर क्षेत्र में भी पर्यटन व सेवा क्षेत्र इत्यादि में रोजगार की तमाम संभावनायें हैं। स्मार्ट सिटी के तहत ही “वन सिटी – वन एप” तैयार किया जा रहा है। हुनरमंद युवा इस एप से भी जुड़कर लाभ अर्जित कर सकते हैं। इस एप के जरिए शहरवासियों को मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर व कारपेंटर से लेकर अन्य सेवायें प्रदान की जायेंगीं। उन्होंने प्रशिक्षण देने वाली संस्थायें प्रशिक्षण लेकर गए युवाओं का सतत रूप से मार्गदर्शन करें। प्रशिक्षण की सार्थकता भी तभी है जब प्रशिक्षणार्थियों को अच्छा प्लेसमेंट मिले अथवा वे अपना खुद का कारोबार स्थापित कर लें। कलेक्टर ने इस मौके पर यह भी आहवान किया कि प्रशिक्षण प्राप्त युवा जल संरक्षण व संवर्धन, स्वच्छता, कुपोषण मुक्ति जैसे रचनात्मक कार्यक्रमों में भी सहभागी बनें।
फर्जी संस्थाओं से बचें
कलेक्टर राहुल जैन ने कार्यक्रम में मौजूद प्रतिभागियों से कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत पूर्णत: नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण का खर्च सरकार द्वारा संबंधित संस्था को दिया जाता है। मगर हाल ही में शिकायत मिली है कि कुछ फर्जी संस्थाओं द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण के नाम पर शुल्क मांगा जा रहा है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से कहा यदि ऐसी किसी संस्था का फोन अथवा एसएमएस उनके पास आए तो उसकी सूचना जिला प्रशासन व पुलिस को जरूर दें। ऐसी संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।