भोपाल ! मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हिंदी के उपयोग पर जोर देते हुए कहा, “हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए, मगर कुछ लोग अंग्रेजी बोलने को प्रतिष्ठा से जोड़ते हैं और ये ही लोग चुनाव के समय हिंदी बोलने लगते हैं। अंग्रेजी बोलकर कोई वोट नहीं मांगता और चुनाव नहीं जीतता।” मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन की तैयारी के सिलसिले में राजधानी भोपाल के न्यू मार्केट क्षेत्र में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए जनांदोलन की शुरुआत करते हुए कहा, “हमारी मातृभाषा और राजभाषा हिंदी है। इसे बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने आमजन से हिंदी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की अपील की।”
उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार भारत है, जहां के अधिकांश लोग हिंदी जानते हैं। अन्य देशों के लोग भी हिंदी भाषा के प्रति आकर्षित होकर इसे सीख रहे हैं। हमारा सौभाग्य है कि 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन 10 से 12 सितंबर तक भोपाल में होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन सहित देश-विदेश के हिंदी प्रेमी शामिल होंगे।
उन्होंने कहा, “हमारा किसी भाषा से विरोध नहीं है, बल्कि अन्य भाषाओं के साथ हिंदी को बढ़ावा देना हमारा उद्देश्य है। इसके लिए मध्यप्रदेश से एक जनांदोलन की शुरुआत होगी।”
शिवराज ने कहा कि अपनी मातृभाषा में बात करना गौरव की बात है। प्रदेश में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हिंदी विश्वविद्यालय खोला गया है, जिसके माध्यम से चिकित्सा एवं अभियांत्रिकी आदि की शिक्षा अब हिंदी में हासिल की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने व्यवसायियों से अपील की, कि वे अपने प्रतिष्ठानों के नामपट्ट एवं संकेतक हिंदी भाषा में लगाएं। साथ ही अपने कार्य-व्यवहार में हिंदी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें।
इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि गरीबों के कल्याण में मध्यप्रदेश सरकार देश में अग्रणी है। उन्होंने भी जनता से हिंदी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की अपील की।

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