लोकसभा चुनाव में हार के बाद आज कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाई गई है, जिसके लिए सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद राहुल ने हार की जिम्मेदारी ली थी। त्यागपत्र के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि जल्द कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होगी। इस्तीफे के मुद्दे को मेरे और कार्यसमिति के बीच छोड़ दें।
– बन सकती समिति : पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में हार के कारणों पर विचार किया जाएगा। हार की समीक्षा के लिए पार्टी एक समिति का भी गठन कर सकती है। कांग्रेस ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद भी वरिष्ठ नेता एके एंटनी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा स्वीकार किए जाने की संभावना नहीं है। सीडब्ल्यूसी त्यागपत्र को अस्वीकार करते हुए पद पर बने रहने का आग्रह करेगी। यदि वह अपनी जिद पर अड़े रहते है, तब स्थितियां बदल सकती हैं।
– बातचीत का दौर जारी : इस बीच,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से मुलाकात की है। राजस्थान में सरकार होने के बावजूद पार्टी 2014 की तरह एक भी सीट जीत नहीं पाई। इस मुलाकात के बाद अविनाश पांडे ने कहा कि कोई अपने पद से इस्तीफा नहीं देगा। गहलोत कांग्रेस सीडब्ल्यूसी के भी सदस्य हैं। ऐसे में वह भी समिति की बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। क्योंकि, कई प्रदेश अध्यक्ष अपने पद से त्यागपत्र भेज चुके हैं।
लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने भी पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष को भेज दिया है। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने भी अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। कई अन्य प्रदेशों के पार्टी अध्यक्षों ने भी अपने पदों से त्यागपत्र देने की पेशकश की है।
कांग्रेस लोकसभा चुनाव में कई राज्यों में खाता खोलने में नाकामयाब हुई है। इनमें दिल्ली, राजस्थान, चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश,आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर के कई राज्य शामिल हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी सीट से मिली हार से पार्टी की जिला इकाई में निराशा का भाव है। अमेठी जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया। कई अन्य पदाधिकारियों ने पद छोड़ने की पेशकश की है।