ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के रौन थाने में पदस्थ हवलदार रामकुमार शुक्ला की वर्दी से उसके परिजनों को 22 दिन बाद एक सुसाइड नोट मिला है। इस सुसाइड नोट में हवलदार ने रौन थाना प्रभारी द्वारा प्रताडि़त करने की बात लिखी थी। हवलदार ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह से भी की थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने पर 2 अक्टूबर को उसने थाने में ही जहर खा लिया था।
2 अक्टूबर को भिण्ड के रौन थाने में पदस्थ हवलदार रामकुमार शुक्ला से टीआई सुरेन्द्र गौर ने सफाई करने के लिए कहा। हवलदार ने बीमारी की हवाला देकर सफाई से मना किया तो टीआई ने मारपीट कर दी। टीआई की मारपीट से हवलदार शुक्ला का मनोबल टूट गया। हवलदार ने मारपीट की शिकायत भिण्ड के पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह से मोबाईल पर फोन कर की, लेकिन एसपी ने उसे ही दोषी ठहराते हुए लाइन अटैच की बात कही। इसके बाद हवलदार ने कहा कि, श्रीमान मैं नहीं, मेरी डेड बॉडी ही आपके सामने आएगी। इसके बाद शुक्ला ने थाने में जहर खा लिया और उसकी दौराने इलाज ग्वालियर में मौत हो गई।
हवलदार की मौत के बाद टीआई गौर और फिर एसपी भिण्ड अनिल सिंह कुशवाह का तबादला भी हो गया, लेकिन दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई। कल जब हवलदार शुक्ला के परिजन वर्दी को देख रहे थे, उसकी जेब से एक कागज का टुकड़ा निकला। इसमें सुसाइड करने से पहले हवलदार ने टीआई के प्रताडि़त करने और एसपी के द्वारा शिकायत नहीं सुनने के कारण जान देने की बात लिखी हुई है। यह सुसाइड नोट आने के बाद हवलदार के पुत्र आकाश शुक्ला कहना है कि अब तो विभाग को दोषी टीआई और एसपी के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि हवलदार शुक्ला के सुसाइड करने के बाद उसका वीडियो और एसपी से बातचीत का ऑडियो भी वायरल हुआ था और बाद में सरकार ने कार्यवाही करते हुए दोनों को भिण्ड से हटा दिया। स्थानीय नेता भी पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं। अटेर के कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने इस आशय का पत्र भी राज्यपाल को लिखा है।
आत्म हत्या के 22 दिन बाद सुसाइड नोट मिलने से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। जिस समय हवलदार शुक्ला ने जहर खाया था तो वह वर्दी पहने हुए था। उस समय शुक्ला का सुसाइड नोट सामने नहीं आया। यदि हवलदार ने सुसाइड नोट लिखा था, तो वह घटना वाले दिन 2 अक्टूबर को सामने क्यों नहीं आया। इसी कारण पुलिस अब सुसाइड नोट की लिखावट की जांच एक्सपर्ट से कराएगी।
पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने आज यहां बताया है कि आत्म हत्या करने वाले हवलदार रामकुमार शुक्ला का पुत्र आकाश शुक्ला ने अपने पिता का सुसाइड नोट की एक प्रति दी है। सुसाइड नोट की लिखावट की जांच कराई जाएगी। वैसे हवलदार की मौत की जांच चंबलरेंज के डीआईजी अनिल शर्मा की देखरेख में चल रही।