इंदौर। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज समय बदल गया है कोई भी देश वैश्विक अर्थ-व्यवस्था से कट कर अकेला नहीं रह सकता। उस पर ग्लोबल अर्थ-व्यवस्था का प्रभाव होता है। इसे ध्यान में रखकर हमें आगे बढ़ना होगा। हर राज्य अपना ग्लोबल टेलेंट पूल बनायें। हर राज्य के नागरिक दुनिया में कहीं भी हो उनका ग्लोबल नेटवर्क बनायें और उनके अनुभव और प्रतिभा का उपयोग देश के विकास के लिये करें। देश की ताकत राज्यों में निहित होती है। देश को आगे बढ़ाना है, तो राज्यों को आगे बढ़ाना होगा। भारत का हर मजबूत राज्य एक मजबूत स्तंभ होगा जो देश को मजबूत करेगा। केन्द्र का दायित्व है कि सभी राज्यों को विकास के लिये प्रोत्साहित करे, जहाँ जरूरत हो वहाँ राज्य के साथ खड़ा हो। देश के विकास के लिये टीम इंडिया को लेकर काम करना होगा और टीम इंडिया प्रधानमंत्री और सभी राज्य के मुख्यमंत्री से मिलकर बनती है। केन्द्र और राज्य एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी नहीं बल्कि पूरक हैं, यह संदेश हम देश को देना चाहते हैं। केन्द्र और राज्य की शक्ति के मिलने से अतिरिक्त ऊर्जा बनती है, जो देश को आगे बढ़ायेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के सामने नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। निर्माण, कृषि और सेवा तीन क्षेत्रों को समान महत्व देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना होगा। मेक इन इंडिया से हमने विश्व को विश्वास दिलाया है कि भारत में अपार संभावनाएँ हैं, भारत को केवल बाजार नहीं समझें। भारत विकास करेगा तो इसकी क्रय शक्ति बढ़ेगी तभी बाजार बढ़ेगा इसलिए भारत में निवेश करना जरूरी है। केन्द्र को हर राज्य की सामर्थ्य, प्राथमिकता और संसाधन पता हो तो तेजी से विकास किया जा सकता है। संपूर्ण भारत का कौशल के अनुसार मेपिंग किया जाये तो रोजगार की समस्या नहीं होगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज हिन्दुस्तान को लाखों वाहन चालकों की जरूरत है। पब्लिक-प्रायवेट पार्टनरशिप मॉडल पर ड्रायविंग इंस्टीटयूट स्थापित कर बेहतर गुणवत्ता के वाहन चालक उपलब्ध करवाये जा सकते हैं। धरातल की वास्तविकताओं को ध्यान रखकर हमें माइक्रो प्लानिंग करना होगी। लघु अवधि और दीर्घ अवधि की योजनाओं पर समान रूप से ध्यान देना होगा। अभी शैक्षिक जगत देश के विकास की योजना में शामिल नहीं हुआ है, इससे नुकसान हुआ है। जरूरी है कि शैक्षिक जगत, शासकीय विशेषज्ञ, वित्तीय विशेषज्ञ और निवेशक चारों मिलकर विचार करें कि देश को आगे बढ़ाने के लिये क्या जरूरी है। यह चारों क्षेत्र विकास के लिये मिलकर काम करें। वर्तमान में विश्व के देश भारत में निवेश के लिये तैयार हैं यह राज्यों के लिये मौका है। जो राज्य तैयार होगा वह इसका लाभ ले सकेगा। रेलवे देश की अर्थ-व्यवस्था की गति को बढ़ाने की ताकत रखता है। केन्द्र सरकार इस दिशा में काम कर रही है। रेलवे के विकास से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि सही नेतृत्व, स्पष्ट नीति, साफ नियत, नेक इरादे, निर्धारित दिशा और मकसद पाने का इरादा हो तो बीमारू राज्य सबसे अधिक प्रगति करने वाला राज्य बन सकता है। यह मुख्यमंत्री श्री चौहान और मध्यप्रदेश की टीम ने कर दिखाया है। पूरे विश्व को पता चलना चाहिये कि मध्यप्रदेश ने किस तरह से सर्वाधिक विकास दर प्राप्त की है। अधोसंरचना, सिंचाई, कृषि, बिजली, सड़क के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में जो उपलब्धि हासिल की है वे विकास की महत्वपूर्ण धरोहर है। मध्यप्रदेश इसके लिये अभिनंदन का अधिकारी है। केन्द्र ने मेक इन इंडिया के तहत देश में रक्षा उत्पादों के निर्माण की बात की और मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने रक्षा उत्पाद के निर्माण की नीति बना ली है। यह देश के रक्षा उत्पादों के लिये महत्वपूर्ण कदम है। केन्द्र ने डिजिटल इंडिया की घोषणा की और मध्प्रदेश में दो इलेक्ट्रानिक मेन्युफेक्चरिंग सेंटर का शिलान्यास हो गया । यह बताता है कि केन्द्र और राज्य सरकार किस तरह तेजी से मिलकर प्रगति कर सकते हैं। केन्द्र ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना बनाई और मध्यप्रदेश ने बहुत कम समय में इसके 36 लाख खाते खोल दिये और केन्द्र सरकार से आगे बढ़ाकर इसमें परिवार को इकाई के रूप में जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिये उपलब्ध भूमि, मानव संसाधन, सुशासन मध्यप्रदेश में निवेश का सुनहरा अवसर उपलब्ध करवाते हैं। इतनी क्षमता वाला मध्यप्रदेश विकास के लिये अनुकूलता प्रदान करता है। निर्माण के ऐसे क्षेत्र को प्राथमिकता दें जिनमें निर्यात की संभावनाएँ हो। मध्यप्रदेश ऐसा प्रदेश है जिसने कृषि विकास के साथ उद्योंगो के लिये अधोसंरचना तैयार की है। कृषि क्षेत्र में अब मूल्य संवर्धन और कृषि अधोसंरचना पर ध्यान देना होगा। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ऐसा प्रदेश है, जो देश की कुल जैविक खेती में 40 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। जैविक कृषि उत्पादों का वैश्विक बाजार है। कृषि के साथ मध्यप्रदेश वैश्विक बाजार के लिये जैविक कृषि आधारित उत्पाद तैयार करें।

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