नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जजपा और भाजपा की साझा प्रेसवार्ता में कहा कि दोनों पार्टियों ने मिलकर राज्य में सरकार बनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री भाजपा का होगा जबकि उपमुख्यमंत्री जजपा के होगा। कई निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दिया है। कल भाजपा के विधायक के नेता के चयन के साथ ही हरियाणा में सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। हरियाणा की जनता ने जो जनादेश दिया है, उसकी भावनाओं को देखकर यह फैसला लिया है। मैं दोनों पार्टी के नेताओं को शुभकामनाएं देता हूं।

जजपा के दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार बनाने के लिए दोनों पार्टियों का साथ आना जरूरी था। प्रदेश के हित के लिए स्थाई सरकार बनाना आवश्यक था। चौधरी देवीलाल के समय से हम दोनों एक साथ मिलकर चले हैं। पार्टी के कई नेताओं ने इस गठबंधन पर सहमति व्यक्त की थी। प्रदेश को आगे ले जाने के लिए मिलकर साथ चलना होगा। हरियाणा की 90 सीटों में से कांग्रेस को 31, जजपा को 10 और अन्य को 9 सीटें मिली हैं।

इससे पहले हरियाणा में सरकार गठन के लिए शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अहमदाबाद दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली पहुंचे। शाह के दिल्ली स्थित निवास पर वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर और जननायक जनता पार्टी (जजपा) प्रमुख दुष्यंत चौटाला की बैठक हुई। शनिवार को भाजपा विधायक दल से पहले हो रही इस बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला समेत कुछ नेता मौजूद थे।

इससे पहले जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि पार्टी अध्यक्ष होने के नाते मैंने यह और पार्टी पदाधिकारियों ने मिलकर यह फैसला लिया है कि हमारी कुछ मांगों को जो समर्थन देगा, हम उसके साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं।हमने किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि राज्य के हित में चुनाव लड़ा। हमारे नेताओं ने भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गजों को हराया है। हमारी पार्टी जजपा को जो 15ः वोट मिले, वह जनता का आशीर्वाद है।

हमारे सहयोग से अगर भाजपा या कांग्रेस किसी की भी सरकार बनती है, तो यह राज्य के हित में ही होगा। हमने प्रदेश में जिन विषयों को लेकर चुनाव लड़ा, वही हमारे प्रमुख मुद्दे हैं। सरकार बनाने वाली पार्टी को हमारा सम्मान भी करना होगा। हमारे कई साथियों ने यह पक्ष भी रखा है कि भाजपा के साथ मिलकर मजबूत सरकार बनाई जाए। हम हरियाणा को आगे ले जाने और युवाओं को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक हैं।

इस पर कांग्रेस नेता हुड्डा ने कहा था, “दुष्यंत जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ बिंदुओं के बारे में बताया। जहां तक साझा न्यूनतम कार्यक्रम की बात है, तो यह हमारे मेनिफेस्टो में पहले से ही कहा जा चुका है। जैसे- वृद्धावस्था पेंशन योजना हो या नौकरियों में 75ः हरियाणवी को आरक्षण देने का मुद्दा हो। यदि उनका कोई सुझाव होता है तो हमारे दरवाजे खुले हैं। अब यह उनके ऊपर है।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव में भाजपा को 40 सीटें मिलीं। शुक्रवार दोपहर तक सभी 7 निर्दलीय और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा के समर्थन से भाजपा के पास विधायकों की संख्या 48 हो गई। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनिल जैन ने बताया कि शनिवार सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और महासचिव अरुण सिंह को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
इससे पहले गोपाल कांडा ने कहा था कि मैं संघ में रहा हूं और खट्टर को मेरा पूरा समर्थन है। सभी निर्दलीय विधायक भाजपा के साथ हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शुक्रवार सुबह चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंचे। नतीजों के बाद खट्टर ने पहली बार कहा कि वे सरकार बना रहे हैं। इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर अनिल जैन, संगठन मंत्री बीएल संतोष, मुख्यमंत्री खट्टर और निर्दलीय विधायकों की बैठक हुई।

मुख्यमंत्री खट्टर ने हरियाणा भवन में निर्दलीय विधायकों से मुलाकात की। भाजपा प्रवक्ता जवाहर यादव के मुताबिक, निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह (रानियां), नयनपाल रावत (पृथला), धर्मपाल गोंदर (नीलाखेडी), बलराज कुंडू (महम), सोमबीर सांगवान (दादरी), राकेश दौलताबाद (बादशाहपुर), रणधीर सिंह गोलन (पूंडरी) पार्टी को समर्थन देने के लिए तैयार हैं।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि जनता ने भाजपा को जनादेश दिया है। हमें बहुमत से कम सीटें मिलीं, इस पर चिंतन जरूरी है। मुझे और पार्टी को नतीजों से सीख मिली है। निर्दलीय विधायक भाजपा के साथ आ रहे हैं। खट्टर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनेगी।

महाराष्ट्र में 56 सीटें हासिल करने के बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा को 50-50 फॉर्मूला याद दिलाया। पार्टी भाजपा पर शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने का दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। उद्धव ने शिवसेना के विधायकों की बैठक बुलाई है।

दूसरी ओर, भाजपा सूत्रों ने कहा है कि देवेंद्र फडणवीस फिर मुख्यमंत्री बन सकते हैं। वे राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटों में से भाजपा ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की। शरद पवार की पार्टी राकांपा को 54, कांग्रेस को 44 और अन्य को 28 सीटें मिली हैं।

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