ग्वालियर । प्रदेश के किसानों को सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी, बिजली और खाद-बीज उपलब्ध हो, इसकी चिंता प्रदेश की सरकार गंभीरता से करती है। इसी का परिणाम है कि मध्यप्रदेश को कृषि के क्षेत्र में लगातार पाँच बार से कृषि कर्मण अवार्ड से नवाजा गया है। इसी कड़ी में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगभग 80 करोड़ रूपए सिंध परियोजना द्वितीय चरण के तहत हरसी उच्च स्तरीय फीडर नहर निर्माण को स्वीकृति प्रदान की है। जिसका कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है।
प्रदेश के जल संसाधन एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र की पहल पर इस नहर के निर्माण से पाँच विधानसभा क्षेत्रों के 238 ग्रामों में 45 हजार 245 हैक्टेयर क्षेत्र के किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। इस नहर के बन जाने से इन क्षेत्रों के किसानों को बेहतर कृषि के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता हमेशा बनी रहेगी। इस योजना से डबरा विधानसभा क्षेत्र के 21 ग्रामों में कुल 3 हजार 686 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं भितरवार विधानसभा क्षेत्र के 29 गाँवों में 6 हजार 429 हैक्टेयर भूमि, मुरार विधानसभा के 116 ग्रामों में 20 हजार हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। गोहद विधानसभा क्षेत्र के 46 ग्रामों में 11 हजार 246 हैक्टेयर क्षेत्र और पुराना रौन विधानसभा क्षेत्र के 26 ग्रामों में 3 हजार 882 हैक्टेयर क्षेत्र के किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध होगा।
हरसी उच्च स्तरीय नहर का 110 किलोमीटर लम्बाई क्षेत्र में निर्माण किया जायेगा। यह नहर हरसी बांध से प्रारंभ होकर डबरा, भितरवार विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में होकर जौरासी पहाड़ी से 2.65 कि.मी. लम्बी एवं 3.50 मीटर व्यास की टनल से होकर गुजरेगी। इसके बाद यह नहर मुरार, गोहद एवं पुराना रौन विधानसभा क्षेत्र की भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायेगी। इस नहर के बन जाने से क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिये पर्याप्त जल की उपलब्धता सुनिश्चित होने से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। क्षेत्र के किसान कम वर्षा की स्थिति में भी अपनी अच्छी फसलें ले सकेंगे।

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