भोपाल। प्रदेश में भी कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हो गई। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भोपाल के हमीदिया अस्पताल में वैक्सिनेशन कार्यक्रम में शामिल हुये। इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा भी मौजूद थे। अस्पताल में जब पहला टीका लगाया गया, तब ये तीनों यहां मौजूद थे।

भोपाल के 12 सेंटर पर कोविड-19 टीकाकरण शनिवार सुबह 9 बजे शुरू हुआ, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद इसकी औपचारिक शुरुआत हुई। राजधानी में पहले दिन कुल 1200 फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन दिया जाएगा। भोपाल में रजिस्टर्ड 36 हजार फ्रंट लाइन वर्कर्स में से पहले फेज में 18 हजार को वैक्सीन लगाया जाएगा।

पहले दिन 150 सेंटर्स पर फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीके लगाए जाएंगे। सबसे पहले टीके स्वास्थ्य विभाग के ही सफाई कर्मचारियों को लगाए जाएंगे। प्रत्येक सेंटर पर 100 फ्रंट लाइन वारियर्स के टीकाकरण का लक्ष्य तय किया गया है। पहले दिन 15 हजार लोगों को वैक्सीन का पहला डोज दिया जाएगा।

वैक्सीनेशन की प्रक्रिया
वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में टीम में शामिल सभी सदस्यों की जिम्मेदारी पहले से तय है। पहला सदस्य एंट्री गेट पर हेल्थ वर्कर के रजिस्ट्रेशन की जांच करेगा। फोटो आईडी सत्यापन और वैक्सीन प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी उसी की होगी। दूसरा टीकाकरण अधिकारी कोविन सिस्टम में दस्तावेज को प्रमाणित कर सत्यापित करेगा। इसके बाद वैक्सीनेटर लाभार्थी को टीका लगाएगा। टीकाकरण अधिकारी क्रमांक-3 और 4 की जिम्मेदारी होगी कि वह टीका लगवाने के बाद 30 मिनट तक हेल्थ वर्कर पर निगरानी रखे। वैक्सीनेशन के दौरान हर साइट पर एंबुलेंस के साथ मेडिकल ऑफिसर और स्टाफ नर्स भी मौजूद रहेंगे।

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